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पुलिस वाकई हाईटेक हो चुकी है। यकीन नहीं आता तो लक्ष्मणझूला पुलिस के इस कारनामे को ही देख लीजिए। मेले में बिछुड़े एक मासूम का ठिकाना पुलिस ने इंटरनेट पर कड़ी मशक्कत के बाद तलाश लिया। पुलिस की बदौलत शुक्रवार को मासूम अपने परिजनों के साथ घर लौट गया।
नीलकंठ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि मेले में आया एक मासूम अपने परिजनों से बिछुड़ गया। लोगों ने नीलकंठ मंदिर के पैदल मार्ग पर भटक रहे मासूम को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने मासूम से पूछताछ करने की कोशिश की, लेकिन वह अपना नाम सौरव के अलावा कुछ भी नहीं बता पाया। दूसरे दिन पांच वर्षीय इस मासूम ने अपने पिता का नाम रामबहादुर तथा गांव का नाम रतौया बताया। जिसके आधार पर पुलिस को सौरव का ठिकाना ढूंढ पाना मुश्किल नजर आया। बिना किसी पर्याप्त जानकारी के लक्ष्मणझूला पुलिस ने इंटरनेट के माध्यम से मासूम के ठिकाने की तलाश शुरू की। गांव के नाम को ही आधार बनाकर पुलिस को सर्च इंजन गूगल पर बरेली के निकट रतौया गांव का पता मिला। पुलिस ने संबंधित थाने से संपर्क कर उक्त गांव से संपर्क साधा। गांव में रामबहादुर नाम के दो लोग मिले, लेकिन वहां पुलिस के हाथ निराशा ही हाथ लगी। फिर पुलिस ने इंटरनेट के सहारे एक और गांव रहटूया की जानकारी मिली। पुलिस ने यहां के नजदीकी आंवला थाने से संपर्क साधा। जहां पुलिस को रहटूया गांव में मासूम का ठिकाना मिल गया। बेटे की कुशलक्षेम मिलने पर परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई। शुक्रवार को रहटूया गांव थाना आंवला से मासूम के चाचा बुद्धपाल तथा तेजपाल के साथ गांव के दो अन्य लोग लक्ष्मणझूला थाने पहुंचे। जिन्हें आवश्यक कार्रवाई के बाद पुलिस ने मासूम को सौंप दिया। परिजनों ने लक्ष्मणझूला पुलिस के इस प्रयास की सराहना करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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