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पर्वतीय क्षेत्र से बेचने के लिए बहुमूल्य किगौंड़ा (किल्मोड़ा) की जड़ ला रहे चार ट्रकों को वन विभाग ने चौकी पर रोक लिया। रवन्ने में बिक्री का कोई स्पष्ट स्थान व कारण स्पष्ट न होने पर चारों वाहन स्वामियों से एक लाख रुपए जुर्माना वसूल छोड़ दिया गया।
प्रमुख वन संरक्षक को अवैध रूप से लाई जा रही किगौंड़ा जड़ी बूटी की लगातार शिकायतें मिल रही थी। इस पर उन्होंने रामनगर वन प्रभाग को इस पर नजर रखने के निर्देश दिये थे। रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ रवींद्र जुयाल के निर्देश पर वन कर्मियों ने मोहान चौकी पर पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले वाहनों की चैकिंग शुरू की। इस दौरान चार ट्रकों को रोका गया। जिसमें किंगौड़ा की जड़ें मिली। वन कर्मियों द्वारा किंगौड़ा जड़ी बूटी का रवन्ना न दिखाने पर ट्रकों को रोक लिया गया। बाद में माल ले जा रहे लोगों द्वारा वन विभाग को रवन्ना दिखाया गया। डीएफओ श्री जुयाल ने बताया कि यह माल अल्मोड़ा जनपद के ग्राम नेला कपझिला से आ रहा था।
भेषज इकाई संघ द्वारा जो रवन्ने दिये गये थे उन रवन्नों में बिक्री का कोई स्थान न लिखकर केवल वाह्य मंडी लिखा था। जिस पर रामनगर वन प्रभाग ने चारों ट्रकों से 25-25 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूल कर उन ट्रकों को छोड़ दिया गया।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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