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कुमाऊं के विकास के लिए महत्वपूर्ण 28 करोड़ की एक और महत्वाकांक्षी परियोजना हाथी कॉरीडोर की भेंट चढ़ गई है। वर्ष 2006 में स्वीकृत चोरगलिया-टनकपुर मोटर मार्ग के निर्माण पर वन विभाग ने आपत्ति लगा दी है।
प्रभागीय वनाधिकारी हल्द्वानी ने चोरगलिया-टनकपुर मोटर मार्ग को हाथी कॉरीडोर में बाधा बनने की दलील देकर मार्ग निर्माण की उम्मीदों पर ग्रहण लगा दिया है। याद दिला दें कि कांग्रेस शासन में 28 करोड़ की इस परियोजना को स्वीकृति मिली थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने भी नये सिरे से इस मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दी, लेकिन हाथी कॉरीडोर का मामला फिर भी भारी पड़ा। यदि यह मार्ग बनता तो गौलापार का विकास तो होता ही साथ ही चंपावत व पिथौरागढ़ जिलों की राजधानी देहरादून की दूरी 25 किलोमीटर घट जाती। साथ ही पर्वतीय जिलों के लिए एक और सुगम मार्ग का विकल्प भी खुल जाता। इसके पूर्व निर्माणाधीन मोरनौला-मझौला मार्ग भी हाथी कॉरीडोर की भेंट चढ़ चुका है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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