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सरकार की ओर से राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों में मिलने वाली दवाओं के लिए मरीजों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दवा समाप्त होने से पूर्व ही चिकित्सालय को दवा उपलब्ध करा दी जाएगी।
दरअसल, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार राज्य के 49 औषधि भंडारों को प्रो-एमआइएस के तहत ऑन लाइन करते हुए एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है। चिकित्सालयों में दवा न मिलने पर मरीज को मायूस होकर वापस नहीं लौटना पड़ेगा। वर्तमान में चिकित्सालय में दवा समाप्त होने पर चिकित्सालय प्रशासन की ओर से शासन को पत्र भेज दवा की डिमांड दी जाती है। कई मर्तबा पूरी प्रक्रिया में काफी दिन लग जाते हैं। इस बीच मरीजों को दवाई उपलब्ध नहीं हो पाती, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
जिन केंद्रों को योजना से जोड़ा जाना है, उनमें मुख्य चिकित्साधिकारियों के 13 औषधि भंडार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक स्तर के 36 स्टोर व राज्य मुख्यालय का एक स्टोर शामिल हैं। प्रो-एमआइएस अर्थात प्रोक्योरमेंट मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की ऐसी कार्ययोजना है, जिसके तहत चिकित्सालयों के औषधि भंडारों को ऑन-लाइन कर दिया जाएगा। राज्य के मुख्य औषधि भंडार से योजना में जुड़े चिकित्सालयों में प्रतिदिन खपत होने वाली दवा व उसकी मात्रा का आंकलन किया जा सकेगा। चिकित्सालय प्रशासन दवा समाप्त होने से पूर्व ही ऑन लाइन डिमांड भेज सकेंगे, जिससे दवा समय पर उपलब्ध हो जाएगी। प्रो-एमआइएस के तहत योजना से जुड़े प्रत्येक चिकित्सालय में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की सीड मनी के जरिए इंटरनेट सुविधा से लैस कंप्यूटर कक्ष बनाया जाएगा। प्रत्येक चिकित्सालय में एक नोडल अधिकारी, दो फार्मेसिस्ट व एक डाटा इंट्री ऑपरेटर योजना को संचालित करेंगे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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