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जीएमवीएन उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुटीर उद्योग से जुड़े व्यवसाइयों से बिजली का एमसीजी शुल्क न लिया जाए।
यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा आटा व मसाला चक्की से जुड़े व्यवसाइयों से बिजली के बिल खपत यूनिट के आधार पर लिए जाने चाहिए न कि मिनिमम कंजूमर गारंटी (एमसीजी) के आधार पर हो। इन छोटे कुटीर उद्योग व्यवसाइयों से बिजली का एमसीजी चार्ज लिए जाने से उनका शोषण हो रहा है। श्री नेगी ने कहा कि केंद्र की गरीब विरोधी कांग्रेस सरकार राज्य के एपीएल उपभोक्ताओं को मात्र एक किलो डेढ़ सौ ग्राम चावल और छह किलो ढाई सौ ग्राम गेहूं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए 10 अगस्त 1950 की कट ऑफ डेट रखे जाने से वर्षो से राज्य में चाय बागान, किराए के मकानों पर रखने वालों और ग्राम समाज की भूमि पर बगैर पट्टे निवास कर रहे अनुसूचित जाति के लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। पत्रकार वार्ता में चंदन लाल अग्रवाल, डॉ. राजकुमार अग्रवाल, राजेंद्र मित्तल, अमित डबराल व आकाश पंवार भी मौजूद थे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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