सैफ विंटर गेम्स का स्थानीय आधार पर चाहे प्रचार-प्रसार न हुआ हो, पर घंटों बिजली कटौती से दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीणों को अंदाजा लगने लगा है कि जिले में कोई बड़ा आयोजन हो रहा है। सैफ विंटर गेम्स के दौरान औली को रोशनी से जगमगाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र घंटों अंधेरे में डूबने लगे हैं।
औली को रोशनी से जगमगाने के लिए जिले को कटौती मुक्तकरने का दावा करने वाला विद्युत विभाग घंटों कटौती कर रहा है। जिला मुख्यालय गोपेश्वर में तो कटौती मिनटों के लिए हो रही है, लेकिन, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ से दो घंटे की कटौती से आम आदमी परेशान है। स्कूली बच्चों की बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं तो जंगली जानवरों के बढ़ते आतंक में बिजली कटौती परेशानी के साथ ही खतरों को भी न्योता दे रही हैं। ऐसे में ग्रामीणों का बिजली कटौती से परेशान होना स्वाभाविक है। जिला मुख्यालय के समीप देवलधार, गंगोलगांव व सगर की ही बात करें तो यहां शाम को छ: बजे से साढ़े सात बजे तक बिजली कटौती की जा रही है। अधिकारी जिले को कटौती मुक्त रखने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है कि कर्णप्रयाग, गैरसैंण, घाट, पोखरी, थराली, जोशीमठ व चमोली तहसील के दर्जनों गांव घंटो कटौती के नाम पर रोजाना अंधेरे में डूब रहे हैं। कर्णप्रयाग के नौटी निवासी पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य कैलाश नौटियाल व सेरागाड़ के पूर्व प्रधान रमेश जोशी का कहना है कि विभागीय अधिकारी जिले को कागजों में कटौती मुक्तदिखाकर वाहवाही लूट रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती जम कर हो रही है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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