ब्लॉक के रूचि सहायता स्वंय समूह पुजारगांव ने हिमालयी आजीविका सुधार परियोजना पर गुमराह कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। जिलाधिकारी ने वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं।
समूह संचालक हर्ष राम भट्ट ने बताया कि आजीविका परियोजना समूह को झांसे में रखकर उसके उत्पादों को दिल्ली प्रगति मैदान में आयोजित राष्ट्रीय मेले में प्रदर्शित कर बेचा गया। इस कमाई को परियोजना ने हड़प लिया। संचालक भट्ट के मुताबिक समूह सदस्यों ने कड़ी मेहनत से चंद्रबदनी क्षेत्र से कृषि व फल उत्पादों सहित हस्तशिल्प की वस्तुएं एकत्रित की थी। इनकी कुल कीमत 55 हजार 9 सौ पंद्रह तक थी। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने गत वर्ष 14 नवंबर को प्रगति मैदान नई दिल्ली में राष्ट्रीय मेला आयोजित किया था। देवप्रयाग ब्लॉक से चंद्रबदनी स्वायत सहकारी समिति के माध्यम से इसके लिए रूचि स्वयं सहायता समूह का चयन किया गया था। क्षेत्रवासी समूह के पहली बार मेले के लिए चयन होने पर काफी उत्साहित थे। आजीविका परियोजना ने मेले में शामिल होने के लिए समूह को सहयोग देने की बात की। जिसके चलते उन्होंने मेले में पास बनवाने के लिए समूह सदस्यों के फोटो मांगे एवं 12 नवंबर को सभी उत्पादों सहित देहरादून आने को कहा। मेले में पहली बार प्रदर्शित हो रही बुरांश की चटनी शरबत सहित अस्थानीय बारह नाजा भी शामिल था। समूह संचालक हर्ष राम भट्ट के अनुसार आजीविका संचालकों ने सभी 55 हजार 9 सौ पंद्रह के उत्पादों को अपने पास रख लिया। समूह सदस्यों को वापस जामणीखाल भेज दिया गया। बाद में आजीविका परियोजना के बैनर तले रूचि समूह के उत्पादों को दिल्ली मेले में प्रदर्शित कर बिक्री की गयी। जब रूचि समूह ने इससे हुई आमदनी के बारे में पूछा तो आजीविका परियोजना ने चुप्पी साध ली। जिस पर समूह संचालक हर्ष राम भट्ट ने जिलाधिकारी को इसकी शिकायत की गई। इस मामले में जांच अधिकारी बनाए गए वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक केएम मखनवाल ने बताया कि इस सिलसिले में समूह व आजीविका परियोजना संचालकों से पूछताछ की जाएगी। यदि इसमें आजीविका संचालन दोषी पाए गए तो उनसे बिक्री किए गए उत्पादों की पूरी राशि वसूली जाएगी। रूचि समूह ने इस संबंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विधायक और काबिना मंत्री दिवाकर भट्ट व कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी शिकायत पत्र भेजे गए हैं। संचालक भट्ट ने दस दिनों की भीतर भुगतान न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।
in.jagran.yahoo.com se sabhar











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