बिहार विधानसभा चुनाव में नाकाम रहने के बाद बसपा जहां यूपी में अपने को और मजबूत करने में जुट गयी है वहीं उसने उत्तराखंड को भी 'एजेन्डे' पर लिया है। यूपी की ही तरह उत्तराखंड में भी 2012 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए मायावती का ध्यान लगातार पड़ोसी राज्य उत्तराखंड पर लगी हुई है उत्तराखंड की बैठक में उन्होंने बीएसपी से उत्तराखंड की जनता को जोड़ने के सुझावों पर गौर किया। बैठक में मायावती ने पड़ोसी राज्य में संगठन को मजबूत बनाने का निर्देश दिया, ताकि उत्तराखंड में बीएसपी की सरकार बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। मायावती ने पदाधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा है कि वे सभी पदाधिकारी पार्टी को मजबूत करने के प्रयत्न में जुट जाए, जिससे वहां पार्टी की सरकार बनाई जा सके। उनका आरोप था कि बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों के चलते ही उत्तराखंड का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। मायावती ने याद दिलाया कि अकेली उनकी पार्टी ने सबसे पहले उत्तरांचल के लिए अलग राज्य की मांग की थी। उत्तराखंड में पार्टी के कामकाज की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी छोटे बड़े नेता जनता की समस्याओं को दूर कराने में जुट जाएं। संगठन को इस कदर मजबूत बनाये कि वहां होने वाले विधानसभा चुनावों में बसपा को पूर्ण बहुमत हासिल हो सके।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का गठन हुए दस वर्ष हो गया है फिर भी वह आर्थिक और क्षेत्रीय पिछड़ेपन का शिकार है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा ही जिम्मेदार हैं क्योंकि इन्हीं दोनों दलों की वहां सरकारें रही हैं। आगे भी इनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। बहुजन पार्टी ने ही उत्तराखंड में विकास का मॉडल तैयार किया था जिस में सबसे पहले उन्होंने ही ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर, चम्पावत व रुद्रप्रयाग जिलों का सृजन किया। नयी तहसील तथा विकास खंड बनवाये थे। जबकि अभी भी वह उत्तराखंड की जनता के हितों का ध्यान रख रही है कांग्रेस और भाजपा इन दोनों दलो ने राज्य का शोषण किया है विकास की रूप रेखा न होने के कारण सबसे ज्यादा पलायन कांग्रेस और भाजपा के शासन काल में हुआ गांव-गांव जाकर बतायें कि सूबे के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और भाजपा जिम्मेदार है। सिर्फ बसपा ही है जो उनकी समस्याओं को दूर कर सभी पदाधिकारियों सेकहा गया है कि विधानसभा इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बनाई गई है। मायावती ने कहा कि अभी हमारे पास पर्याप्त समय है और कोशिश करने पर बीएसपी सारे समीकरणों की काट कर वहां संगठन को मजबूत कर सकती है और अपनी सरकार भी बना सकती है। इस दिशा में कार्यकर्ताओं और नेताओं को अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि यूपी की बीएसपी सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले के समय रेकॉर्ड संख्या में यूपी पुलिस और पीएसी के जवान भेजकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उत्तराखंड की मदद की थी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का गठन हुए दस वर्ष हो गया है फिर भी वह आर्थिक और क्षेत्रीय पिछड़ेपन का शिकार है। इसके लिए कांग्रेस और भाजपा ही जिम्मेदार हैं क्योंकि इन्हीं दोनों दलों की वहां सरकारें रही हैं। आगे भी इनसे कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। बहुजन पार्टी ने ही उत्तराखंड में विकास का मॉडल तैयार किया था जिस में सबसे पहले उन्होंने ही ऊधम सिंह नगर, बागेश्वर, चम्पावत व रुद्रप्रयाग जिलों का सृजन किया। नयी तहसील तथा विकास खंड बनवाये थे। जबकि अभी भी वह उत्तराखंड की जनता के हितों का ध्यान रख रही है कांग्रेस और भाजपा इन दोनों दलो ने राज्य का शोषण किया है विकास की रूप रेखा न होने के कारण सबसे ज्यादा पलायन कांग्रेस और भाजपा के शासन काल में हुआ गांव-गांव जाकर बतायें कि सूबे के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस और भाजपा जिम्मेदार है। सिर्फ बसपा ही है जो उनकी समस्याओं को दूर कर सभी पदाधिकारियों सेकहा गया है कि विधानसभा इसी मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की रणनीति बनाई गई है। मायावती ने कहा कि अभी हमारे पास पर्याप्त समय है और कोशिश करने पर बीएसपी सारे समीकरणों की काट कर वहां संगठन को मजबूत कर सकती है और अपनी सरकार भी बना सकती है। इस दिशा में कार्यकर्ताओं और नेताओं को अभी से काम शुरू कर देना चाहिए। बैठक में उन्होंने कहा कि यूपी की बीएसपी सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले के समय रेकॉर्ड संख्या में यूपी पुलिस और पीएसी के जवान भेजकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में उत्तराखंड की मदद की थी।
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