आखिर वही हुआ जिसका अनुमान था, उक्रांद के 'फील्ड मार्शल' दिवाकर भट्ट को दल ने हमेशा के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
साथ ही दल ने विधायक दल के नेता के रूप में पुष्पेश त्रिपाठी की ताजपोशी कर दी है जबकि ओमगोपाल को उपनेता बनाया गया है. इसके साथ ही दल के मुख्य प्रवक्ता सतीश सेमवाल और आश्वासन समिति के अध्यक्ष श्रीकृष्ण भट्ट को भी पद से हटा दिया गया है.
गत 27 दिसम्बर को सरकार से समर्थन वापसी के बाद उक्रांद कोटे से सरकार में मंत्री दिवाकर भट्ट व संगठन के बीच चला आ रहा विवाद मंगलवार को श्री भट्ट की दल से बर्खास्तगी के बाद समाप्त हो गया. दल के केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने केंद्रीय कर्यालय में पत्रकार वार्ता कर कहा कि दल के समर्थन वापसी के फैसले के बाद श्री भट्ट को मंत्रीपद से त्यागपत्र देने को कहा गया था.
इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय भी दिया गया. उन्होंने कहा कि दल के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी ने भी श्री भट्ट को समझाने का प्रयास किया, पर उन्होंने समर्थन वापसी के बाद भी विचार करने की बात कहकर मामले को टाल दिया. साथ ही उन्होंने बयान जारी कर विधायक दल को अपने साथ होने का दावा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि श्री भट्ट द्वारा लगातार अनुशासनहीनता की जा रही थी. एक जनवरी को निलंबन के बाद भी उन्होंने तय समय में जवाब नहीं दिया.
इसे देखते हुए दल को बड़े दुख के साथ उनकी प्राथमिक सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि श्री भट्ट को दल से आजीवन निष्कासित किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में श्री भट्ट के साथ राजनीतिक संबंध रखने वाले कार्यकर्ताओं को अनुशासनहीता के दायरे में मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दल के कुछ नेताओं द्वारा कार्यकारिणी बुलाकर ही कोई फैसला लेने की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि समर्थन वापसी पर पूर्व में ही कार्यकारिणी फैसला ले चुकी थी.
उन्होंने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय पार्टियों के हाथों की कठपुतली बनकर कार्य कर रहे हैं और दल को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी यह मंशा सफल न हो इसलिए दल कठोर निर्णय लेने को मजबूर हुआ.
उन्होंने दिवाकर भट्ट पर दल को वर्ष 1996, 2002 और 2005 में तोड़ने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि दोनों विधायक संगठन के साथ हैं. उन्होंने कहा कि विधायक दल का नेता पुष्पेश त्रिपाठी को और ओमगोपाल को उपनेता बनाया गया है.
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार श्री भट्ट को बचाने के प्रयास में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने हमेशा उक्रांद की पीठ पर छुरा घोंपा है. यही नहीं दोनों ने दल को तोड़ने में भूमिका निभाई है. उक्रांद भविष्य में इन दोनों दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगा. पत्रकार वार्ता में दल के कार्यकारी अध्यक्ष एपी जुयाल, महामंत्री शीशपाल बिष्ट सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे |
samaylive.com se sabhar
गत 27 दिसम्बर को सरकार से समर्थन वापसी के बाद उक्रांद कोटे से सरकार में मंत्री दिवाकर भट्ट व संगठन के बीच चला आ रहा विवाद मंगलवार को श्री भट्ट की दल से बर्खास्तगी के बाद समाप्त हो गया. दल के केंद्रीय अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने केंद्रीय कर्यालय में पत्रकार वार्ता कर कहा कि दल के समर्थन वापसी के फैसले के बाद श्री भट्ट को मंत्रीपद से त्यागपत्र देने को कहा गया था.
इसके लिए उन्हें पर्याप्त समय भी दिया गया. उन्होंने कहा कि दल के वरिष्ठ नेता काशी सिंह ऐरी ने भी श्री भट्ट को समझाने का प्रयास किया, पर उन्होंने समर्थन वापसी के बाद भी विचार करने की बात कहकर मामले को टाल दिया. साथ ही उन्होंने बयान जारी कर विधायक दल को अपने साथ होने का दावा किया. उन्होंने आरोप लगाया कि श्री भट्ट द्वारा लगातार अनुशासनहीनता की जा रही थी. एक जनवरी को निलंबन के बाद भी उन्होंने तय समय में जवाब नहीं दिया.
इसे देखते हुए दल को बड़े दुख के साथ उनकी प्राथमिक सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय लेना पड़ा. उन्होंने कहा कि श्री भट्ट को दल से आजीवन निष्कासित किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में श्री भट्ट के साथ राजनीतिक संबंध रखने वाले कार्यकर्ताओं को अनुशासनहीता के दायरे में मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने दल के कुछ नेताओं द्वारा कार्यकारिणी बुलाकर ही कोई फैसला लेने की मांग को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि समर्थन वापसी पर पूर्व में ही कार्यकारिणी फैसला ले चुकी थी.
उन्होंने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय पार्टियों के हाथों की कठपुतली बनकर कार्य कर रहे हैं और दल को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी यह मंशा सफल न हो इसलिए दल कठोर निर्णय लेने को मजबूर हुआ.
उन्होंने दिवाकर भट्ट पर दल को वर्ष 1996, 2002 और 2005 में तोड़ने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि दोनों विधायक संगठन के साथ हैं. उन्होंने कहा कि विधायक दल का नेता पुष्पेश त्रिपाठी को और ओमगोपाल को उपनेता बनाया गया है.
इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार श्री भट्ट को बचाने के प्रयास में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने हमेशा उक्रांद की पीठ पर छुरा घोंपा है. यही नहीं दोनों ने दल को तोड़ने में भूमिका निभाई है. उक्रांद भविष्य में इन दोनों दलों के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगा. पत्रकार वार्ता में दल के कार्यकारी अध्यक्ष एपी जुयाल, महामंत्री शीशपाल बिष्ट सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे |
samaylive.com se sabhar
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati