राजेश शर्मा | संस्कृत से ही दुनिया की तमाम भाषाओं की उत्पत्ति हुई है। देववाणी सभी भाषाओं की जननी है। भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में आयोजित व्याख्यान माला में विशेषज्ञों ने संस्कृत भाषा पर विचार व्यक्त किए।
शनिवार को भगवानदास महाविद्यालय में संस्कृत विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। मातृसदन आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती और गुरुकुल कांगड़ी विवि के पूर्व उपकुलपति वेदप्रकाश शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विवि के पूर्व उपकुलपति प्रो. श्रीधर वशिष्ठ ने कहा कि वर्तमान में संस्कृत हर किसी की जरूरत बन गई है। आदि काल से संस्कृत प्रचलन में है और सभी भाषाओं की जननी है। उन्होंने युवाओं को संस्कृत का प्रचार प्रसार करने के लिए कहा ताकि संस्कृत दुनिया भर में लोकप्रिय हो सके। प्रो. सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि वेदों में लिखे गए तथ्यों का अनुसरण करने पर पूरे विश्व में शांति कायम रहेगी। व्याख्यान माला में प्राचार्य भोला झा, डा. धु्रवमणि त्रिपाठी, हरिगोपाल शास्त्री, कमलापति, सागर झा, पंकज उप्रेती, हरीश जोशी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा. निरंजन मिश्र और डा. शैलेश तिवारी ने संयुक्त रूप से किया।
No comments:
Post a Comment
thank for connect to garhwali bati