सलोनी भट्ट | वैज्ञानिक विधि से ही पशुपालकों को अपने-अपने गांवों में गठित दुग्ध समिति के विकास के लिए दुग्ध व्यवसाय बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। जिससे कमाई के साथ ही पर समितियों को नई पहचान मिल सकेगी।
यह बात ब्लाक सभागार में अटल आदर्श गांवों की गठित दुग्ध समितियों की तीन दिवसीय स्वर्ण जयंती स्वरोजगार कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख राजेन्द्र सिंह सगोई ने कही। उन्होंने कहा कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त ज्ञान का प्रयोग कर पशुपालक दुग्ध व्यवसाय बढ़ा सकते हैं, और ऐसे कार्यक्रमों से विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी का ग्रामीणों को लाभ लेना होगा। खंडविकास अधिकारी बीएस पाल व सहायक खंडविकास अधिकारी सुरेशी राणा ने कहा दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त सब्जी उत्पादन, तुलसी , जड़ी-बूटी उत्पादन कर भी काश्तकार अपनी आजीविका को सुधार सकते हैं। तीन दिनों तक चली कार्यशाला में नागदेवता स्वयं सहायता समूह, मां नंदादेवी स्वयं सहायता समूह कंडारा, प्रगतिशील सहायता समूह नौटी, ज्वालपा देवी थापली, लक्ष्मी देवी सोनला, महादेव सोनला, राहुल देवता झिरकोटी, बदरीविशाल मज्याडी व नवच्योति सहायता समूह नौटी से आयी महिला दुग्ध समितियों के पदाधिकारी व चेता देवी, मुन्नी देवी, जगदंबा, संजय नेगी, जशोदा, गुड्डी देवी, देवी प्रसाद, कुसम सहित 56 पशुपालकों ने भाग लिया।
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