उत्तरकाशी : पौराणिक व धार्मिक महत्व की पंचकोसी वारुणी यात्रा में इस बार करीब पांच हजार श्रद्धालुओं ने वरुणावत पर्वत की परिक्रमा की। पंचकोसी यात्रा के प्रथम पड़ाव बड़ेथी में भागीरथी तट पर डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपनी यात्रा शुरू कर परिक्रमा पथ के विभिन्न मंदिरों में पूजा करते हुए गंगोरी पहुंचे।
शुक्रवार को अनादि काल से चली आ रही प्रसिद्ध पंचकोसी यात्रा के लिए सुबह चार बजे ही वरूणा व भागीरथी के संगम स्थल बड़ेथी में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी। इसके बाद बंसूगा की खड़ी चढ़ाई के रास्तों होते हुये श्रद्धालुओं का जत्था प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर गमदिड़गांव, दुर्गा मंदिर साल्ड आदि मंदिरों में जलाभिषेक के साथ मन्नतें मांगते हुये ज्ञाणजा गांव में ज्ञानेश्वर महाराज के दर्शन के बाद चीड़ के जंगलों के बीच रास्ता तय करते हुये वरुणावत की चोटी पर पहुंचे। यहां स्थित पौराणिक शिखरेश्वर महादेव में पूजा अर्चना के बाद बिमलेश्वर महादेव के दर्शन किये। अंतिम पड़ाव संग्राली गांव में प्रसिद्ध कंडार देवता के दर्शन के लिए भीड़ जुटी रही। इसके बाद सभी भक्तजनों ने भगीरथी व असीगंगा के संगम स्थल गंगोरी में स्नान के साथ ही जलभर कर शिवनगरी उत्तरकाशी के विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर शुख शांति के लिए मन्नतें मांग कर अपनी यात्रा के पूर्ण की।
श्रद्धालुओं के लिये रही व्यवस्था
उत्तरकाशी : वारुणी यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले गांवों में श्रद्धालुओं के लिये चाय पानी व फलाहार की व्यवस्था जुटाई गई। इस दौरान श्रद्धालुओं को पारंपरिक चौलाई के लड्डू, आलू के गुटके, बुरांश का जूस आदि खूब वितरित किये गये। असी वारुणा पर्यटन विकास समिति की ओर से भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये स्टाल लगाए गये थे।
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