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Wednesday, November 28, 2012

जैम, जैली, अचार व मुरब्बा बनाना सीखा

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 रुद्रप्रयाग : सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय केंद्र सरकार के माध्यम से संचालित 45 दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया है। इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के फलों से जैम, जैली, अचार, चटनी व जूस व मुरब्बा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप के सौजन्य से रतूड़ा में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य ममता कुंवर ने प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार अपनाकर उद्यमिता एवं आत्मनिर्भरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ में माल्टा, बुरांस, आंवला समेत कई प्रकार फल-फूल बड़ी मात्रा में होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में इनका उपयोग नहीं हो पाता है। इस प्रकार की वस्तुओं का उपयोग कर हम अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकते हैं।
प्रशिक्षण शिविर में मास्टर ट्रेनर वीरपाल नेगी ने प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रकार के फल, फूल एवं सब्जियों से बनने वाले खाद्य पदार्थो का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही इन पदार्थो का रख-रखाव एवं बेचने की प्रक्रिया की जानकारी भी दी। अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस अवसर पर संस्था के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद भट्ट, प्रकृति संस्था के संस्थापक गजेंद्र रौतेला, प्रधान अनीता चौकियाल, मुरली चौधरी, रणजीत खत्री, राजेश कुंवर समेत पचास प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।
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ढोली के ढोल पर कसी डोरियां

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उत्तरकाशी: सीमांत जनपद में एक बार फिर मंगसीर की बग्वाल की तैयारियां शुरू हो गई है। इस त्यौहार को जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में अनूठे तरीके से मनाया जाता है। लोकपर्व इस बार 13 व 14 दिसंबर को मनाया जाएगा। आम दीपावली के एक माह बाद मनाने के पीछे किवदंती है कि शिरोमणी बीर भड़ माधव सिंह भंडारी ने चौदवीं सदी में तिब्बत पर फतेह की थी।
इन दिनों गांवों में खेती के काम लगभग निपट गए हैं। अब उत्सव का माहौल बनने लगा है और सबको मंगसीर की बग्वाल का इंतजार है। इसके लिए देवी देवताओं की डोलियों की सजावट होने लगी है। ढोली ढोल की डोरियों को कसने लगे हैं। ब्याहताएं इस त्यौहार के लिए मायके जाने को तैयार हैं। जहां उनकी आवभगत का इंतजाम किया जा रहा है। नगर और कस्बाई इलाकों को छोड़ दें तो पूरे ग्रामीण क्षेत्र में कुछ ऐसा ही नजारा है। रवांई के गैर, गंगटाड़ी व कुथनौर गांवों में इस त्यौहार का उल्लास देखते ही बनता है। इन गांवों में लकड़ी का विशाल टावरनुमा ढांचा खड़ा किया जाता है, इसे देवलांग कहा जाता है। जिसके चारों ओर तेजी से आग पकड़ने वाले चीड़ के छिलके बांधे जाते हैं। त्यौहार के दिन रात्रि को विशेष पूजा अर्चना के बाद इस ढांचे पर आग लगाई जाती है। फिर हजारों लोग परंपरागत रासो और तांदी नृत्य करते उसके चारों ओर झूमते हैं। इसके साथ ही लोग भैला घुमाकर भी ढोल दमाऊं की थाप पर नृत्य करते हैं। धनारी क्षेत्र के पुजार गांव में भी मंगसीर की बग्वाल इसी तरह से मनाई जाती है। इस तरह के आयोजनों के लिये तैयारियां भी इन दिनों पूरे जोरों पर चल रही है।
मान्यताएं भी जुड़ी हैं
उत्तरकाशी : मंगसीर की बग्वाल मनाने के पीछे विभिन्न मान्यताएं भी जुड़ी हैं। लेकिन प्रमुख तौर पर यही माना जाता है कि चौदहवीं सदी में गढ़वाल पर तिब्बत की ओर से आक्रमण हुआ था। इसमें माधो सिंह भंडारी की अगुआई में राजा ने सेना भेजी। माधो सिंह जब शत्रु को खदेड़कर लौटे तो उनकी विजय की खुशी में पूरे गढ़वाल में इस बग्वाल का आयोजन किया गया।
'जनपद में शहरी क्षेत्र बहुत कम है जबकि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र ही है जहां परंपराएं अब भी किसी न किसी रूप में जिंदा हैं, इन्हें सहेज के रखा जाना चाहिये'-जयप्रकाश राणा, संस्कृतिकर्मी।
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आधे-अधूरे विद्यालय भवन में कैसे हो शिक्षण

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 रुद्रप्रयाग: सरकार ने प्रदेश के जीर्ण शीर्ण विद्यालय भवनों के स्थान पर नए भवनों की स्वीकृति प्रदान तो कर दी, लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पाया। जखोली क्षेत्र के आधा दर्जन विद्यालयों में स्वीकृत नए भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण न होने से पुराने जीर्ण शीर्ण भवनों में ही दहशत के साए में छात्र पढ़ने को मजबूर हैं।
चार दर्शक से भी पुराने जीर्ण शीर्ण विद्यालयों में छात्रों का पठन-पाठन का कार्य हो रहा है। भवनों की बदहाल स्थिति को देखते हुए पुराने भवनों के स्थान पर सरकार ने नए भवनों की स्वीकृति दी थी ताकि छात्रों को पठन-पाठन में आसानी हो सके। लेकिन, नए भवनों का निर्माण अधर में लटकने से विद्यालयों में संकट और भी गहरा गया है। हालात यह है कि कई विद्यालयों मे एक कमरे में दो से तीन कक्षाएं संचालित करनी पड़ रही है। निर्माणदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम उत्तर प्रदेश द्वारा राजकीय इंटर कालेज कैलाश बांगर, चौरियां, सौंराखाल, घंघासू, चोपता अन्य विद्यालयों के लिए स्वीकृत नए भवनों का निर्माण कार्य विगत पांच वर्षो से निर्माण कार्य अधर में लटका है, तथा आधा अधूरे भवन लावारिश हालात में छोड़ दिए हैं। इससे आधे अधूरे भवनों विद्यालय भवनों से पठन-पाठन होना स्वाभाविक नहीं है। इसका असर पढ़ाई पर पड़ रहा है।
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मॉडलों में दिखा बच्चों का जौहर

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कोटद्वार : उम्र भले ही कम हो, लेकिन सोच उम्र से कहीं अधिक। बच्चों की विलक्षण प्रतिभा नजर आई भाबर क्षेत्र के अंतर्गत आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में। यहां बच्चों ने जहां अपने मॉडल के माध्यम से फायर अलार्म का क्रियान्वयन दिखाया, वहीं विद्युत चोरी रोकने के भी उपाय सुझाए।
भाबर क्षेत्र के अंतर्गत आरसीडी पब्लिक स्कूल में शनिवार को विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया हुआ। प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों ने अपने सृजनात्मक क्षमता के जौहर दिखाए। बच्चों ने अपने मॉडलों के माध्यम से जहां एक ओर अग्निकांड के दौरान सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित करवाया, वहीं दूसरी ओर शहर में विद्युत वितरण व्यवस्था के साथ ही विद्युत चोरी रोकने के उपाय भी सुझाए। बच्चों के मॉडलों में जहां दूषित पेयजल आपूर्ति की चिंता नजर आई, वहीं बरसाती पानी के संग्रहण (रेन वॉटर हार्वेस्टिंग) को भी बच्चों ने अपने मॉडलों में प्रस्तुत किया था। बच्चों ने ग्रीन हाउस, एटामिक एनर्जी सहित कई अन्य मॉडल भी प्रस्तुत किए।
प्रदर्शनी का शुभारंभ प्रभागीय वनाधिकारी नरेंद्र सिंह चौधरी ने किया। प्रदर्शनी में शिवानी त्यागी, हिमानी ममंगाई, अभय पांडे, अरविंद गुंसाई (मॉडल : वाटर प्यूरिफिकेशन) ने प्रथम, मोहित गुप्ता, नितेष गौड़ व अंकित चौहान (मॉडल : पॉवर ग्रिड एंड डिस्ट्रीब्यूशन) ने द्वितीय एवं शैफाली, पूजा, मेघा व सभ्य (मॉडल : रासायनिक ऊर्जा का रूपांतरण) तृतीय रहे। निर्णायक मंडल में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के गणित विभाग के डॉ. प्रकाशदीप अग्रवाल व भौतिकी विभाग के डॅा .प्रमोद कांडपाल शामिल रहे। इस मौके पर विद्यालय के संस्थापक सुभाष ढौंढियाल, प्रधानाचार्या सीमा ढौंढियाल व प्रबंधक नंदकिशोर ध्यानी सहित तमाम शिक्षक-शिक्षिकाएं व अभिवावक मौजूद रहे।
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भलौन में स्मार्ट क्लास शुरू

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रामनगर: राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भलौन में अब स्कूली बच्चों के लिए ई-क्लास शुरू की गई है। पहले दिन प्रोजेक्टर के जरिये स्कूली बच्चों को कई विषयों की जानकारी दी गई।
अभिनव प्रयोग के तहत शिक्षक महेंद्र सिंह सैनी ने ई-क्लास की शुरुआत करते हुए प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को शिक्षा के महत्व की जानकारी दी। दूरस्थ भलौन क्षेत्र नैनीताल में ई-क्लास का पहला विद्यालय साबित हुआ है। संकुल प्रभारी सुरेश चौधरी ने कहा कि प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को सभी विषयों को समझने में आसानी होगी। इस दौरान राधा पाठक, मोहन सिंह जलाल, लीला राम, कमल बिष्ट, नीलम, सुरजीत, नवीन चंद्र, निर्मल गिरी, बाला दत्त, रेखा देवी आदि मौजूद थीं।
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शहर की खूबसूरती पर दाग बनी पालीथिन

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नई टिहरी: एक ओर नई टिहरी शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने की बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर बाजार में धड़ल्ले से पॉलीथिन का प्रयोग किया जा रहा है। कई स्थानों पर कचरा फैला है। इस ओर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मास्टर प्लान के अनुसार नई टिहरी शहर में पालीथिन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई बार अभियान चलाया गया। व्यापारियों को पालीथिन का प्रयोग न करने की हिदायत भी दी गई, लेकिन इस पर तरीके से अमल नहीं हो पाया। त्यौहारों के अवसर पर जमकर इसका इसका प्रयोग किया जाता है। पूर्व में कई बार पालिका व प्रशासन ने इसके खिलाफ अभियान छेड़ा था, लेकिन अब फिर स्थिति पहले जैसी हो गई है। पालीथिन के प्रयोग से लोग घर का कूड़ा इसमें भरकर सड़कों पर डाल देते हैं। इससे सड़कों पर पालीथिन जमा हो जाती है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा, क्योंकि कई लोगों को पालीथिन में सामान ले जाने में सुविधा होती है। नई टिहरी शहर को यदि पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करना है तो पालीथिन पर रोक लगानी होगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी यह काफी हानिकारक है। हालांकि, नगरपालिका टिहरी ने शहरभर में दो कूड़ा निस्तारण वाहन प्रत्येक मोहल्ले से कूड़ा एकत्रित करने के लिए लगाए हैं। बावजूद इसके लोग पॉलीथीन को सड़कों व गलियों में डाल रहे हैं, इससे शहर की सुंदरता के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है।
इस संबंध में पालिका अध्यक्ष उमेशचरण गुसांई ने का कहना है कि मास्टर प्लान शहर में पालिका साफ-सफाई के लिए कई योजनाएं चला रही है। शहर को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए शहरवासियों को भी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा।
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महिला समाख्या ने किया ब्लाक स्तर पर महासंघ का गठन

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छाम: महिला समाख्या ने थौलधार विकासखंड में महिलाओं को जागरूक करने के लिए राइंका कमांद स्टेडियम में सम्मेलन आयोजित कर ब्लाक स्तरीय महासंघ का गठन किया। जिसमें रोशनी देवी अध्यक्ष, सुशीला देवी उपाध्यक्ष, सुमरे बिष्ट कोषाध्यक्ष, सरोजनी देवी सचिव, रूपी देवी सह सचिव व गुड्डी, जलमी, चंद्रा, शकुंतला, प्रकाशी, दशी, एकादशी, निर्मला, सुलोचना, सुरजा देवी निर्विरोध सदस्य निर्वाचित की गई।
सम्मेलन में जानकारी देते हुए महिला समाख्या ब्लाक प्रभारी कांता रावत ने बताया कि महासंघ का गठन महिला सशक्तीकरण की ओर जागरूक महिलाओं का बढ़ाया एक कदम और महिला समाख्या की जागरूकता का परिणाम एवं रणनीति का हिस्सा है। संघ सामाजिक संगठनों व सरकारी विभागों का महिला सशक्तीकरण में सहयोग लेगा।
इस अवसर पर रीना पंवार, सरीता कुड़ियाल, महिपाल नेगी, सुशील बहुगुणा, सावित्री, गुड्डी रावत, कुशला, पुष्पा, सतना, संगीता, रंजना, शशी आदि मौजूद थे।
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Sunday, November 11, 2012

स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून बना हॉकी चैंपियन

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गोपेश्वर: राज्य स्तरीय आमंत्रण हाकी प्रतियोगिता के फाइनल मैच में स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून ने चमोली को 4-1 से पराजित कर बालक वर्ग की अंडर 16 का खिताब अपने नाम किया।
शनिवार को स्पोर्ट्स स्टेडियम गोपेश्वर में खेली गई इस प्रतियोगिता के पहले सेमीफाइनल में चमोली ने अल्मोड़ा को 5-0 से पराजित किया। विजेता टीम की ओर से राहुल बिष्ट ने 27वें, 50वें व 55वें मिनट में तीन गोल किए। दूसरे सेमीफाइनल में स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून ने हल्द्वानी की टीम को 3-0 से पराजित किया। विजेता टीम की ओर से सारिक अली ने 30वें, दीपक राना ने 57वें तथा युवराज सिंह ने 69वें मिनट में एक-एक गोल कर अपनी टीम को विजयश्री दिलायी।
इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार अनिल नेगी, सर्वश्रेष्ठ स्कोरर स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून के दीपक राणा, सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर हल्द्वानी के ऋषभ माहेश्वरी, सर्वश्रेष्ठ डिफेंस चमोली के संतोष थपलियाल, उदीयमान खिलाड़ी का पुरस्कार चमोली के नवीन कठैत को दिया गया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ में खिलाड़ियों की कमी नहीं है, मगर जरूरत है इन खिलाड़ियों को निखारने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मनरेगा लोकपाल शेखर रावत, उपजिलाधिकारी चमोली अवधेश कुमार, जिला क्रीड़ा अधिकारी दिनेश असवाल समेत कई खेलप्रेमी उपस्थित थे।
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Saturday, November 10, 2012

युवा महोत्सव में दिखी ग्रामीण परिवेश की झलक

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पौड़ी: राज्य स्थापना दिवस के मौके पर जिला युवा कल्याण विभाग के तत्वावधान में प्रेक्षागृह में आयोजित हुए युवा महोत्सव में ग्रामीण परिवेश की झलक मंच पर देखने को मिली। इस मौके पर जनपदभर से आए महिला मंगल दल व युवक मंगल दलों ने अपनी प्रस्तुतियों से मंच पर पहाड़ की संस्कृति की झलक पेश की।
महोत्सव का शुभारंभ करते हुए जिलाधिकारी चंद्रेश कुमार ने कहा कि यह महोत्सव महिलाओं को मंच देने के उद्ेश्य से आयोजित किया जाता है। युवा महोत्सव में जहां बेहतरीन सामाजिक कार्यो के लिए पौड़ी ब्लाक के ननकोट गांव के महिला मंगल दल को इस बार के विवेकानंद यूथ अवार्ड से नवाजा गया वहीं युवक मंगल दल नैखाणा को भी बेहतरीन सामाजिक सरोकारों के लिए यह अवार्ड मिला है। युवा महोत्सव में हुई लोकनृत्य प्रतियोगिता में दुगड्डा ब्लाक ने पहला, बीरोंखाल ने दूसरा व पाबौ ब्लाक के मंगल दल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। एकांकी में दुगड्डा ने पहला, यमकेश्वर ने दूसरा व कोट ने तीसरा स्थान प्राप्त किया वहीं महोत्सव में हुए लोकगीत प्रतियोगिता में नैनीडांडा ब्लाक ने पहला बीरोंखाल ने दूसरा व खिर्सू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। महोत्सव में मुख्य विकास अधिकारी दीपेंद्र चौधरी, एडीएम रवनीत चीमा, जिला युवा कल्याण अधिकारी केकेएस रावत, जिपं अध्यक्ष केशर नेगी, त्रिभुवन उनियाल सहित कई लोग उपस्थित थे।
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Thursday, November 1, 2012

गांव लौटने पर लाना पड़ता है डिब्बे में पानी

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गोपेश्वर : मालबज्वाड़ और देवलकोट गांवों में गर्मी हो या सर्दी, पेयजल का संकट हमेशा बना रहता है। स्थिति यह है कि आज भी यहां टैंकरों से पानी भेजा जा रहा है। सरकारी व्यवस्था के अलावा ग्रामीण अपने आप भी वाहनों में पानी लाकर किसी तरह प्यास बुझा रहे हैं। स्थिति यह है कि मवेशियों ने भरपेट पानी बारिश के मौसम के बाद शायद ही पिया हो। ग्रामीणों ने स्थिति से निपटने के लिए मवेशियों को पानी के स्रोत के पास छानियों में छोड़ रखा है।
जनपद चमोली के ब्लॉक थराली का 250 की जनसंख्या वाला देवलकोट और 225 की आबादी वाली मालबज्वाड़ ग्राम सभाएं पास-पास ही हैं। इन दोनों गांवों में पहले नौला तोक में पानी का स्रोत था। गांव वालों की जिंदगी हंसी खुशी कट रही थी, लेकिन दो दशक पूर्व पेयजल स्रोतों में पानी कम होना शुरू हुआ और करीब एक दशक पहले इन स्रोतों में पानी मात्र बारिश में ही उपलब्ध होने लगा। नतीजन ग्रामीण पेयजल संकट से परेशान हो उठे। पानी के लिए लगातार जन आंदोलन भी हुए।
ग्रामीणों के सूखे कंठ तर करने के लिए उत्तराखंड पेयजल निगम ने 2006 में गधेरा से गांव तक 18 किलोमीटर लंबी पेयजल योजना के लिए एक करोड़ 53 लाख का प्रस्ताव भेजा। 2010 में इस योजना को वित्तीय स्वीकृति मिली। 2011 में विभाग ने पेयजल लाइन के लिए दो बार निविदाएं आमंत्रित की, लेकिन दोनों बार एक ही ठेकेदार के निविदा में शामिल होने से कार्य शुरू नहीं हो पाया। विभाग ने इस योजना को स्वैप मोड में ग्रामीणों की ही पेयजल समिति बनाकर कार्य कराने की मंशा जाहिर की, परंतु इतने बड़े कार्य को करने में ग्रामीणों ने भी असमर्थता जताई। अब हालत यह है कि बारिश का पानी एकत्रित कर लोग किसी तरह जीवनचर्या आगे बढ़ाते हैं। शादी में मेहमानों को पहले ही समस्या से अवगत कराकर जरूरी कार्यो के लिए ही पानी उपलब्ध कराया जाता है। यहां तक कि जब गांव से ग्रामीण बाजार की ओर जाते हैं तो वापस लौटते हुए डिब्बे में पानी भरकर जरूर लाते हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
हमें पीने के लिए पानी नहीं मिलता, मवेशियों को कहां से पिलाएं। इसलिए हमने गांव से दूर दूसरे गांव की सीमा में पेयजल स्रोतों के पास छानियां बनाकर मवेशियों को रखा है।
मालती देवी, ग्राम प्रधान, देवलकोट
हमारे गांव में पानी का संकट है। इसलिए हम शादी बारिश के मौसम के दौरान ही करना उचित समझते हैं, ताकि पानी की समस्या से कार्य प्रभावित न हो। पेयजल योजना स्वीकृत होने से हमारी प्यास नहीं बुझेगी।
रघुवीर सिंह गुसांई, ग्राम प्रधान, मालबज्वाड़
क्या कहते हैं अधिकारी
यह सच है कि मालबज्वाड़ व देवलकोट गांव में पेयजल संकट है। टैंकरों से पानी भेजकर किसी तरह काम चलाया जा रहा है। गांवों के लिए स्वीकृत पेयजल योजना पर दो बार टेंडर हो चुके हैं, लेकिन एकल टेंडर के कारण इन्हें निरस्त करना पड़ा। अब दुबारा टेंडर आमंत्रित कर जल्द ही कार्य शुरू कराया जाएगा। कार्य को त्वरित गति देने के लिए विभाग द्वारा वितरण टैंक से गांव तक का कार्य ग्रामीणों से ही कराने की कार्ययोजना बनायी है।
सुभाष चंद्र सुंद्रियाल, अपर सहायक अभियंता, उत्तरांचल पेयजल निगम
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मैं भी हूं राज्य आंदोलनकारी

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 मसूरी: फिल्म अभिनेता व लेखक तथा मसूरी निवासी विक्टर बैनर्जी ने प्रदेश सरकार से राज्य आंदोलनकारी का दर्जा और परिचय पत्र दिए जाने की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा है कि उन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान प्रदर्शनों में बढ़चढ़कर भागीदारी की है।
बुधवार को भेजे पत्र में विक्टर बैनर्जी ने लिखा है कि खटीमा गोलीकांड व मसूरी गोलीकांड के बाद चार सितंबर 1994 को उनका एक लेख दि संडे टाइम्स में 'दि डे दि वाटर्स ऑफ दि सरयू टर्नड रेड' के नाम से अखबार के मुखपृष्ठ पर छपा था। जिससे पहली बार दिल्ली में बैठे संसद सदस्यों और सरकार चलाने वालों तथा देश की जनता के सामने उत्तराखंड आंदोलन की सही तस्वीर उभर कर सामने आई थी। उनके मुताबिक इसके बाद छह सितंबर 1994 को दि टेलीग्राफ समाचार पत्र में उनका लेख 'ब्लडीयड किंगडम ऑफ दि गॉड' छपा था जिसने उत्तराखंड की जनता की आवाज और यहां के राजनैतिक हालात से देश की जनता को अवगत करवाया था।
विक्टर बैनर्जी ने जिलाधिकारी को लिखा है कि उन्होंने टोरंटो कनाडा व कोलंबिया में दिए अपने भाषणों तक में उत्तराखंड आंदोलन का जिक्र किया और राज्य आंदोलन को अंतरराष्टीय मंचों तक पहुंचाया। इसीलिए उन्हें राज्य आंदोलनकारी मानते हुए आंदोलनकारी सम्मान परिचय पत्र निर्गत किया जाना चाहिए।
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अब रुद्रप्रयाग में भी हो सकेगी प्रदूषण जांच

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 रुद्रप्रयाग: वाहन चालकों व संचालकों को अपने वाहनों की प्रदूषण जांच के लिए अब देहरादून व ऋषिकेश के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। रुद्रप्रयाग में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोला गया है। इसमें अभी केवल डीजल के वाहनों की जांच की जा रही है, शीघ्र पेट्रोल वाहनों की भी जांच भी हो सकेगी।
जिला मुख्यालय के बस अड्डे में परिवहन विभाग के स्वीकृति के बाद प्रदूषण जांच केंद्र खोला गया है। इसका लाभ रुद्रप्रयाग के साथ ही चमोली जिले के वाहन स्वामियों को भी मिलेगा। पूर्व में प्रदूषण की जांच की कोई सुविधा न होने से वाहन चालकों और स्वामियों को 150 रुपए में निर्गत होने वाले प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए लगभग डेढ़ हजार रुपए खर्च कर देहरादून व ऋषिकेश के चक्कर काटने पड़ते थे। वहीं चमोली व रुद्रप्रयाग के वाहन संचालकों के फिटनेस, रजिस्ट्रेशन सहित रोड टैक्स एआरटीओ कार्यालय में जमा होते है लेकिन प्रदूषण प्रमाण पत्र के लिए उन्हें चक्कर काटने पड़ते थे। प्रदूषण जांच केंद्र के संचालक राजेश भट्ट ने बताया कि केंद्र में शुरुआत में डीजल वाहनों के प्रदूषण की जांच की जा रही है, लेकिन शीघ्र पेट्रोल वाहन की भी जांच की जाएगी। इसकी स्वीकृति के लिए परिवहन विभाग से शीघ्र अनुमोदन लिया जाएगा।
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पौड़ी, नैनीताल में होगी आज फाइनल भिड़ंत

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श्रीनगर गढ़वाल: 12वीं राज्य विद्यालयी महिला क्रिकेट के फाइनल में गुरुवार को श्रीनगर के जीआइटीआइ मैदान में पौड़ी और नैनीताल की भिड़ंत होगी। देहरादून ने तीन अंकों के साथ इस प्रतियोगिता में तीसरा स्थान प्राप्त किया। नैनीताल गत वर्ष की विजेता है, जबकि पौड़ी ने दूसरी बार फाइनल में प्रवेश किया है। लीग के तीनों मैच हारकर अल्मोड़ा प्रतियोगिता से बाहर हो चुका है।
लीग आधार पर खेली जा रही इस प्रतियोगिता में बुधवार को चार मैच हुए। पहले मैच में नैनीताल ने पौड़ी को आठ विकेट से हराया। पौड़ी ने पहले बल्लेबाजी करते हुए छह विकेट के नुकसान पर निर्धारित 15 ओवरों में 82 रन बनाए। पौड़ी की सुरुचि ने 26 और कप्तान भागवंती ने आठ रन बनाए। नैनीताल की गेंदबाज प्रियंका, आरती, खस्टी ने एक-एक विकेट लिए। पौड़ी के जवाब में नैनीताल की बल्लेबाज कविता जीना ने 13 और दीपिका कांडपाल ने नाबाद दस रन बनाए। पौड़ी की आशा ने तीन विकेट और भागवंती मनीषा ने दो-दो विकेट लिए। दूसरे मैच में देहरादून ने अल्मोड़ा को 43 रनों से हराया। देहरादून की बल्लेबाजों ने 15 ओवरों में 129 रन बनाए, जिनमें 46 अतिरिक्त के रूप में मिले। दून की बल्लेबाज अंजली ने नाबाद 37 और ममता ने 12 रन बनाए। देहरादून की गेंदबाज ऋषिका ने हैट्रिक कर तीन विकेट और शीतल ने दो विकेट लिए। जवाब में अल्मोड़ा के बल्लेबाज मोनिका ने 16 और किरन ने 10 रन बनाए। अल्मोड़ा को भी 44 अतिरिक्त रन मिले। तीसरे मैच में पौड़ी ने अल्मोड़ा को आठ विकेट से हराया। अल्मोड़ा की बल्लेबाज भावना ने 29, बबली के 23 रनों के साथ अल्मोड़ा ने कुल 100 रन बनाए। पौड़ी की गेंदबाज आशा और कांति ने दो-दो, भागवंती ने एक विकेट लिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए पौड़ी की बल्लेबाज और कप्तान भागवंती ने सात चौकों के साथ नाबाद 33 रन और आशा ने 31 रन बनाए। 11.2 ओवरों में ही पौड़ी ने जीत हासिल कर ली। चौथे मैच में नैनीताल ने देहरादून को छह विकेट से हराया।
प्रतियोगिता में नैनीताल नौ अंक और पौड़ी छह अंक प्राप्त कर फाइनल में पहुंचे। खंड शिक्षा अधिकारी माधूलाल आर्य, कृपाल सिंह पटवाल, सावित्री शाह, जयकृत भंडारी, बलराज गुसांई, दीवान रावत, रामेश्वर रावत, महेन्द्र पुंडीर, गजपाल नेगी, दुर्गेश बत्र्वाल, सोनिका पुरी, ज्योत्सना रावत और मुकेश कुमार ने मैच आयोजन में विशेष सहयोग दिया।
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ऑल इंडिया राजीव गांधी बैडमिंटन का गोल्ड ब्वॉय बना चिराग

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अल्मोड़ा: बैडमिंटन के क्षेत्र में लगातार एक के बाद एक सफलता के सोपान पार करते हुए अल्मोड़ा के चिराग सेन ने एक और सफलता का अध्याय जोड़ दिया है। दिल्ली में चिराग सेन ऑल इंडिया राजीव गांधी अंडर-19 गोल्ड कप का विजेता बन गया है। चिराग के भाई लक्ष्य ने भी इस प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है। दोनों भाइयों की सफलता से गृह नगर में खुशी का माहौल है। इसी क्रम में बालिका वर्ग में नैनीताल की कुहू गर्ग ने कांस्य पदक हासिल किया।
बैडमिंटन कोच डीके सेन ने दूरभाष पर बताया कि चिराग ने गुजरात के एड्रिन जार्ज को 22-20, 21-16 से पराजित कर राजीव गांधी गोल्ड कप हासिल किया। गोल्ड कप के साथ चिराग को 31 हजार की नकद धनराशि प्रदान की गई। लक्ष्य का मुकाबला गुजरात के एड्रिन जार्ज से हुए सेमीफाइनल में 21-13,21-12 से पराजित हुए। कुहू गर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला एकता कालिया से हुआ। जिसमें 21-16, 22-20 से पराजित होकर कांस्य पदक मिला। दोनों को पदक के साथ 11-11 हजार की नकद धनराशि दी गई। खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर विधायक मनोज तिवारी, बैडमिंटन संघ उत्तराखंड के महासचिव बीएस मनकोटी, डीम अक्षत गुप्ता, एडीएम प्रशांत कुमार आर्या, एसपी सुनील मीणा, राशिका सिद्दीकी, राम अवतार, प्रशांत जोशी, शेखर लखचौरा, राकेश जायसवाल, सुनील अग्रवाल, सीएल सेन, गोकुल मेहता, संजय नज्जौन, हरीश भंडारी, अमरनाथ रजवार आदि ने प्रसन्नता जताई।
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अल्मोड़ा अर्बन बैंक को 12 नई शाखाएं खोलने की अनुमति

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अल्मोड़ा: सहकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे अल्मोड़ा अर्बन को-आपरेटिव बैंक को रिजर्व बैंक ने प्रदेश में 12 नई शाखाएं खोलने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके साथ ही उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में आरटीजीएस और एनईएफटी सुविधा प्रदान करने वाला यह पहला बैंक बन गया है।
वर्ष 1991 में सहकारिता की अवधारणा से शुरू इस बैंक की कार्यप्रणाली व सेवाओं को देखते हुए आरबीआई उन चुनिंदा बैंकों में सम्मिलित किया है जो अपने ग्राहकों को देश के 95 हजार आरटीजीएस व एनईएफटी सुविधा युक्त बैंक से अपने धन का हस्तांतरण की सुविधा प्रदान कर सकेगा। बैंक के सचिव पीसी तिवारी ने बताया कि अब तक प्रदेश में बैंक की 38 शाखाएं ग्राहकों को बेहतर सेवाएं दे रही हैं। जबकि वार्षिक कार्ययोजना के तहत वर्ष 2012-13 में 12 नई शाखाएं खोले जाने की स्वीकृति के बाद वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक कुल बैंको की संख्या 50 हो जाएगी। इसके लिए देहरादून, डोईवाला, हर्बटपुर, श्रीनगर, पौड़ी, रूड़की, मुनि की रेती, हरिद्वार, गदरपुर, अल्मोड़ा में एक-एक और हल्द्वानी में दो शाखाएं और खोले जाने का निर्णय लिया गया है।
तिवारी ने बताया कि 6 सौ से अधिक कर्मचारियों वाले अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक का व्यवसाय ढाई हजार करोड़ से अधिक हो गया है, जबकि छमाही लाभ का आंकड़ा 26 करोड़ का आंकड़ा पार गया है। उन्होंने ग्राहकों की दी जानी वाली सुविधाओं व योजनाओं के लिए अपनी प्रतिबद्घता भी दोहराई है।
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Saturday, October 27, 2012

शोध के लिए विषय का चयन बहुत अहम

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 देहरादून: शोध कितना महत्वपूर्ण है, इससे भी अहम यह है कि शोध किस विषय पर किया गया है। शोध का विषय खुद ही इसकी गुणवत्ता जाहिर कर देगा। यह बात डीएसई नई दिल्ली के प्रो. बीएल पंडित ने 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर आयोजित कार्यशाला पर कही। उन्होंने कहा कि किया गया शोध समाज और जनहित में होना चाहिए।
शनिवार को उप्र-उत्तराखंड इकॉनोमिक एसोसिएशन ने एसजीआरआर पीजी कॉलेज में 'शोध पत्र कैसे लिखें' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रो. बीएल पंडित, प्रो. पीके चौबे, डॉ. वीए बौड़ाई, प्रो. एके सिंह व प्रो. श्रीप्रकाश ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद पहला टेक्निकल सेशन शुरू हुआ। इसमें कारलेटन विवि कनाडा से आए प्रो. बली राम ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को शोध के लिए सही विषय का चुनाव और उसके बाद सही शोध कार्य करने की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि विषय के सही चुनाव के बाद शोध पर छात्रों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शोध के समय विषय से संबंधित सूक्ष्म से सूक्ष्म बिंदु का भी गहन अध्ययन करना आवश्यक है। इसके बाद ही उसके निष्कर्ष को शोध पत्र में लिखा जाना चाहिए।
तीन सत्र में हुए टेक्निकल सेशन में एमएच कॉलेज गाजियाबाद के प्रो. केवी त्यागी, लखनऊ विवि के प्रो. नार सिंह, गढ़वाल विवि की प्रो. अंजलि बहुगुणा, बीआइएम टेक ग्रेटर नोयडा के प्रो. श्रीप्रकाश, एएसयू अलीगढ़ के प्रो. अशोक मित्तल, प्रो. पीके चौबे आदि ने विचार रखे।
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चार वर्गों में विभाजित हो सुगम-दुर्गम क्षेत्र

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स्थानांतरण को लेकर मचे बवाल को समाप्त करने के लिए राजकीय शिक्षक संघ ने विद्यालयाें के सुगम-दुर्गम श्रेणी को चार वर्गों में विभाजित करने का सुझाव दिया है। संघ का मानना है कि राज्य में भौगोलिक परिस्थितियाें के अनुसार तबादले के लिए नियम नहीं बनाए गए हैं, जिससे परेशानी हो रही है। इस संबंध में संघ के जिला मंत्री ने प्रदेश महामंत्री एसएस चौहान से वार्ता कर प्रदेश संगठन स्तर से इस पर ठोस कार्रवाई करने की मांग की है। 
राजकीय शिक्षक संघ के जिला मंत्री आनंद सिंह जगवाण ने बताया कि राज्य में सुगम-दुर्गम को जब तक ए, बी, सी और डी वर्गों में विभाजित नहीं किया जाता है, तब तक सुगम-दुर्गम को लेकर चल रहा विवाद समाप्त नहीं होगा। जगवाण ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाे के अनुसार ही सुगम -दुर्गम को विभाजित किया जाना चाहिए। उन्हाेंने प्रदेश महामंत्री को बताया कि समय पर वार्षिक गोपनीय आख्या उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रधानाध्यापकाें और प्रधानाचार्यों की डीपीसी में रुकावट आ रही है, जिस पर उन्होंने जिले के शिक्षकाें और स्थानांतरण को लेकर संघ के सुझाव के संबंध में शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी को अवगत कराया। इस पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव को उक्त प्रकरणाें और सुझाव को प्राथमिकता देते हुए 30 अक्तूबर को होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
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विदेशी निवेशकों को बहुगुणा ने आमंत्रित किया

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बहुगुणा ने राजदूतों की बैठक का उद्घाटन करते हुये कहा कि उत्तराखंड अपनी मजबूत भौतिक और सामाजिक अवसंरचना, समृद्ध प्राकृतिक संसाधन और कुशल श्रमशक्ति के साथ विदेशी निवेशकों के लिये उपयुक्त निवेश स्थल बन सकता है|
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की दिल्ली, चंडीगढ़ और दूसरे निकटवर्ती वाणिज्यिक केन्द्रों से निकटता का हवाला देते हुये कहा कि निवेशक इसका लाभ उठा सकते हैं और पुष्पोत्पादन, बागवानी और कृषि व्यावसाय में निवेश की संभावनायें तलाश सकते हैं.
उन्होंने कहा ‘राज्य में फल, सब्जियों, फूलों, जड़ी बूटियों और औषधीय पौधों की कई किस्में पैदा होती हैं. इसके साथ ही राज्य में खाद्य प्रसंस्करण के लिये उपयुक्त जलवायु की उपलब्धता इसे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में निवेश के लिये आकर्षक एवं उपयुक्त स्थल बनाती है.’
मुख्यमंत्री ने बैठक में शामिल विभिन्न देशों के राजनयिकों और निवेशकों को उनके प्रयासों में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
बैठक में बुर्किनो फासो, टोगो, नाइजर, मेडागास्कर, बेनिन, जार्जिया,गैबन और दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त उपस्थित थे.
इसके अलावा 14 देशों के राजनयिक भी बैठक में उपस्थित थे. 
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तो तीर्थयात्रियों को नहीं खाने होंगे हिचकोले

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बीआरओ (बार्डर रोड ऑरगेनाइजेशन) ने यदि योजना के मुताबिक कार्य किया, तो आगामी वर्ष तीर्थयात्रियों को हाइवे की बदहाली से कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा। बीआरओ तीन माह के भीतर सबसे तंग हालत वाले चमोली से जोशीमठ के बीच 16 किमी. मार्ग को पूरी तरह से डबल लेन कर देगा। साथ ही चमोली और नंदप्रयाग ब्रिज भी आगामी यात्रा काल तक तैयार हो जाएगा।

इस वर्ष आपदा के चलते चार धाम यात्रा पर निकले तीर्थयात्रियों को बडे़ कष्ट झेलने पड़े। इस वर्ष 10 लाख 29 हजार 7 सौ 94 तीर्थयात्री कई डेंजर जोन पार कर श्री बदरीविशाल धाम में मत्था टेकने पहुंचे। पाताल गंगा में भूस्खलन होने से तीन अगस्त को तीन दिन, चार अगस्त को दो दिन और छह अगस्त को चार दिन तक तीर्थयात्रा थमी रही। इस दौरान यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हम अभी हाइवे के सुधारीकरण पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। चमोली से जोशीमठ तक तीन माह के भीतर 16 किमी तक हाइवे डबल लेन कर दिया जाएगा। अन्य जगहों पर डामरीकरण के लिए भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय को प्रपोजल भेजा गया है। हमारे 40 करोड़ के प्रपोजल भारत सरकार में लंबित पडे़ हुए हैं। -राहुल श्रीवास्तव, कमान अधिकारी, ग्रेफ, पीपलकोटी। 
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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नीती घाटी में भारी बर्फबारी ग्रामीण हुए घरों में कैद

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गोपेश्वर: चमोली जिले में नीती घाटी के नीती व बांपा गांव में दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके अलावा बदरीनाथ व जोशीमठ की ऊंची पहाड़ियों पर भी हिमपात का सिलसिला जारी है। उधर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री यमुनोत्री के अलावा हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है।
तीन दिन पूर्व बदरीनाथ धाम में हुई बर्फबारी के बाद अब नीती घाटी के नीती व बांपा गांवों में भी लगातार बर्फबारी हो रही है। बर्फबारी के बाद नीती व बाम्पा के ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं। हालांकि इन गांवों से अधिकतर लोग अब माईग्रेशन वाले स्थानों पर आ चुके हैं, लेकिन जो लोग अभी भी इन गांवों में हैं वे भारी बर्फबारी के कारण घरों से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। द्रोणागिरी, हाथी घोड़ा पालकी, कामेट, नंदा देवी, नीलकंठ आदि ऊंची चोटियों पर भी लगातार बर्फबारी हो रही है। उत्तरकाशी जिले में शुक्रवार को दोपहर तक खिली धूप के बाद मौसम ने अचानक करवट बदली और जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। लगातार सर्द होते मौसम के चलते बर्फ की फुहारें गंगोत्री यमुनोत्री धाम के साथ ही हर्षिल, सुक्की, डोडीताल, केदारकांठा आदि क्षेत्रों में पड़नी शुरू हो गई है। जबकि ऊंची चोटियों पर बीते एक पखवाड़े से बर्फबारी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के साथ ही जिला मुख्यालय सहित निचले इलाकों में गरज के साथ बौछारें पड़ी। इसससे ठिठुरन और अधिक बढ़ गई है।
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Friday, October 26, 2012

ये मेहनत और हौसलों का पुल है

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उत्तरकाशी : अंग्रेजी की एक मशहूर कहावत है 'गॉड हेल्प दोज, हू हेल्प देम्सेल्वेस' यानी भगवान भी उनकी ही मदद करता है, जो अपनी मदद स्वयं करते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है उत्तरकाशी के अठाली व चामकोट गांव के लोगों ने। ग्रामीणों ने असीगंगा की बाढ़ में तबाह हुए झूला पुल के स्थान पर भागीरथी नदी पर वैकल्पिक लकड़ी के पुल को बिना सरकारी मदद के एक हफ्ते में बना दिया।
जनपद की गंगा घाटी में प्रलयकारी बाढ़ में दर्जनों झूला पुल बहने के बाद गांव के लोग सरकारी तंत्र के भरोसे न रहकर नदी व नालों पर खुद वैकल्पिक पुल तैयार करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। बाढ़ में अठाली व चामकोट गांव को जोड़ने वाला पुल बहने के बाद अलग-थलग पड़े इन दोनों गांव में संकट पैदा हो गया था। स्थानीय प्रशासन ने इस गंभीर समस्या को देखते हुए नदी पर वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आवाजाही के लिए ट्रॉली लगाई, लेकिन ट्रॉली के संचालन के लिए रखे एग दो होमगार्ड के जवान कुछ समय बाद चले गए। इसके बाद ट्रॉली लोगों ने खुद संचालित की। इस कारण आवाजाही की ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी रही। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद पुल बनाने की ठानी।
गांव के ग्रामीणों ने गांव में त्योहार व शादियों के सीजन को देखते हुए लोगों ने प्रशासन की सहायता के बिना भागीरथी नदी पर एक हफ्ते की कड़ी मशक्कत के बाद लकड़ी का वैकल्पिक पुल तैयार कर दिया। गांव के प्रधान संदीप पंवार ने बताया कि ट्रॉली से आवाजाही करने में गांव के बुजुर्ग व स्कूली बच्चों को भारी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए ग्रामीणों ने खुद का पुल तैयार कर दिया।
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मैती सम्मान से सम्मानित होंगे गणेश सिंह गरीब

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पौड़ी: पिछले लंबे समय से पहाड़ों में काश्तकारों को चकबंदी के लिए प्रेरित करते आ रहे गणेश सिंह गरीब को इस वर्ष के मैती सम्मान के लिए चुना गया है। गणेश सिंह गरीब को आगामी 10 नवंबर को यह सम्मान चमोली जिले के नंदासैण में मैती संस्था की ओर से दिया जा रहा है।
हिमालयी पर्यावरण को लेकर कार्य कर रही मैती संस्था ने इस दफा मैती सम्मान के लिए सामाजिक कार्यकर्ता गणेश सिंह गरीब को चुना है। गणेश सिंह गरीब ने पहाड़ी काश्तकारों के सामने छितरी खेती के बजाय चकबंदी कर खेती से लाभ कमाने का नायाब विकल्प पैदा किया है। इससे पूर्व लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को भी यह सम्मान दिया जा चुका है। पहाड़ों के सरोकार के लिए समाज में कार्य करने वाले व्यक्तियों को संस्था की ओर से यह सम्मान प्रदान किया जाता है।
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कल बजेगी 'नौबत', बिखरेगी इंद्रधनुषी छटा

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देहरादून: कला-संस्कृति का महाकुंभ 'विरासत-2012' का इंद्रधनुषी आगाज 27 अक्टूबर को नंदा देवी जागर के साथ ओएनजीसी के अंबेडकर स्टेडियम में होगा। यह 'विरासत' इसलिए भी खास है, क्योंकि इस बार इसमें देश के विभिन्न प्रांतों समेत विदेशों से आए कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक विविधता के दर्शन कराएंगे। यहां फ्यूजन के रंग भी बिखरेंगे और लोक संगीत की छटा भी। उत्सव को उत्कर्ष प्रदान करेगा हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, जिसमें जीवन का संपूर्ण दर्शन समाया हुआ है।
रीच के महासचिव आरके सिंह ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विरासत का शुभारंभ 'नौबत' के साथ होगा। नौबत टिहरी राजशाही की परंपरा का हिस्सा है, जो उत्सव के मौके पर बजाई जाती थी। इस बार विरासत में देश के विभिन्न हिस्सों से ही नहीं, विदेशी मुल्कों से भी कलाकार आ रहे हैं। इसलिए रसिकजनों को मोरक्को, ईरान, आस्ट्रिया, बेल्जियम, आयरलैंड, एस्टोनिया, बुरुंडी जैसे मुल्कों की लोकसंस्कृति से रूबरू होने का मौका भी मिलेगा।
उन्होंने बताया कि महफिल-ए-मुशायरा, गढ़वाली नृत्य नाटिका 'चक्रव्यूह' का मंचन, भोजपुरी संगीत, ओडिसी नृत्य, भरतनाट्यम, बैले, गुलाब बाई की नौटंकी, गजल, ठुमरी, शाम-ए-कव्वाली विरासत के विशेष आकर्षण रहेंगे। इस मौके पर लोकेश ओहरी, मीडिया को-ऑर्डिनेटर सामिया अकबर, जयश्री जोशी, कर्नल अरुण शर्मा आदि मौजूद रहे।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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हिम्मत के बूते शिखर चूम सकती हैं महिलाएं

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ऋषिकेश: इनरव्हील क्लब मुनिकीरेती की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि महिलाएं अपनी हिम्मत के बूते आज समाज में अपना रुतवा कायम किए हुए है।
रेलवे मार्ग स्थित होटल में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन क्लब की डिस्ट्रिक चेयरमैन बृज परमार ने किया। इस दौरान क्लब की अध्यक्ष कुलविंदर आहुजा ने कहा कि हिम्मत के बूते महिलाएं किसी भी शिखर पर कामयाबी का झंडा फहरा सकती हैं। उन्होंने कहा कि क्लब समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने वाली ऐसी महिलाओं को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि गरीब कन्याओं के विवाह व उन्हें संबल देने के लिए भी क्लब प्रयासरत है। इस दौरान पूर्व दायित्वधारी अनीता वशिष्ठ, रोटरी क्लब के अध्यक्ष मनोज वर्मा, सीमा जेटली आदि ने विचार व्यक्त किए। क्लब ने पुलिस सेवा के लिए उप निरीक्षक भावना कैंथोला, पूर्व सभासद सुधारानी पाल, लघु बचत के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने वाली विनोद बाला रावत, पार्लर संचालक पूर्णिमा दास तथा गंगा प्रेम हास्पिस की नर्स सिस्ले को उनके बेहतर कार्यो के लिए सम्मानित किया। इस दौरान क्लब की सचिव नीरू खुराना, सालू जौहर, अंजली अरोड़ा, श्वेता गुरेजा, सलोनी शर्मा, शीतल शर्मा, अनु तायल आदि उपस्थित थे।
दया नहीं सहयोग दे समाज
इनरव्हील क्लब ऋषिकेश की ओर से विद्यालय मालवीय नगर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब की रोपड़ शाखा की जिलाध्यक्ष बृज परमार ने बच्चों को कंबल व वस्त्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को दया की नहीं, बल्कि सहयोग की जरूरत है। सहयोग मिले तो विशेष बच्चे भी बुलंदियों को छूने की हिम्मत रखते हैं। इस दौरान संस्थान के समन्वयक वीएस चौधरी, प्रधानाचार्य मंजू सैनी ने विद्यालय में विशेष बच्चों के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष प्रवीन मलिक, सचिव हेमा गुलाटी ने भविष्य में भी संस्थान को हर तरह का सहयोग देने की बात कही। इस दौरान रश्मि अग्रवाल, ऋतु अग्रवाल, गीता, अंजू मित्ताल, विजय नेगी, भोला राम आले, मंजू सैनी, पूर्णिमा, अनीता यादव आदि उपस्थित थे। संचालन बृजपाल सैनी ने किया।
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प्रशिक्षु आपदा के वक्त करें लोगों की मदद

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त्यूणी: राज्य आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र सचिवालय देहरादून द्वारा मानथत में आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर गुरुवार को संपन्न हो गया। शिविर में प्रतिभाग कर रहे दो दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों को आपदा प्रबंधन टीम ने जरूरी जानकारी दी। इस मौके पर मुख्य प्रशिक्षक ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त ग्रामीण आपदा के वक्त लोगों की मद्द को हमेशा तैयार रहें।
पर्वतीय क्षेत्र जौनसार-बावर के दुर्गम ग्रामीण इलाकों में आपदा के वक्त सरकारी तंत्र की नाकामी के चलते सरकार स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण शिविर के जरिए आपदा प्रबंधन की कुछ जरूरी उपयोगी जानकारी मुहैया करा रही है। अटल आदर्श ग्राम योजना के तहत आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र द्वारा गत 16 अक्टूबर से मानथात में आयोजित दस दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में ग्राम स्तरीय आपदा प्रबंधन के कार्यदल के 25 लोगों को आपदा प्रबंधन के गुर सिखाए गए।
गुरुवार को शिविर के समापन अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक अजित रांगड, राजवीर राणा व मुकेश मिश्रा ने कहा कि टीम ने शिविर में प्रतिभाग कर रहे ग्रामीणों को रैप्लिंग यानि पत्थर व चट्टान पर चढ़ना-उतरना, जुमारिंग यानि रस्सी के सहारे खाई में उतरना-चढ़ना, स्ट्रैक्चर मेकिंग और प्राथमिक उपचार के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा उन्हें भूकंप, बाढ़ व आगजनी की घटनाओं के वक्त त्वरित राहत व बचाव कार्य के उपाय भी बताए। आपदा प्रबंधन शिविर में प्रतिभाग कर रहे 25 लोगों को प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस मौके पर रजनेश सिंह, नेपाल सिंह, श्याम सिंह, दीवान सिंह, अरविंद, त्रेपन सिंह, नारायण सिंह, बचनलाल व संजय सिंह आदि मौजूद थे।
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मांगों को लेकर आशाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

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विकासनगर: मानदेय समेत अन्य मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से कार्यबहिष्कार कर रही आशाएं अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं। आंदोलित आशा कार्यकत्रियों ने गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आशाओं की हड़ताल से स्वास्थ्य संबंधी कार्य पर असर दिखना शुरू हो गया है।
मानदेय समेत अन्य मांगों को लेकर विगत कई दिनों से कार्यबहिष्कार कर रही आशा कार्यकत्रियों ने गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष जताया। सरकार की उपेक्षा से आहत आशा कार्यकत्रिया गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई। आशा कार्यकत्री संगठन की अध्यक्ष पूनम बिंजोला ने कहा कि कई बार अनुरोध करने पर भी सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। मजबूर होकर समस्त आशा कार्यकत्रियों को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन में गुलाबी नेगी, बीना अरोड़ा, निशा चौहान, सुनीता, रुबाबा, जैनब, परवेश चौधरी, गीता देवी, कलावती, सुमित्रा, उषा कश्यप समेत अनेक आशाएं मौजूद थीं।
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Monday, October 22, 2012

अपने बूते बागवानी कर रहे सेब काश्तकार

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उत्तरकाशी: टकनौर क्षेत्र से जिले के सेब की अंतिम खेप मंडियों की ओर रवाना हो रही है। इस साल उत्पादन औसत रहा और हर बार की तरह काश्तकारों की परेशानियां दूर नहीं हुई। इसके बावजूद वे अपने बूते प्रमुख नगदी फसल को उगा रहे हैं। सरकारी तंत्र की ओर से सेब काश्तकार उपेक्षित ही हैं।
जिले में इस बार करीब 35 हजार मीट्रिक टन सेब का उत्पादन हुआ। इसमें टकनौर क्षेत्र में करीब 10-12 हजार मीट्रिक टन उत्पादन दर्ज किया गया है। यह औसत उत्पादन है, इससे काश्तकार ना तो बहुत नुकसान और ना ही बहुत फायदे की स्थिति में रहे, लेकिन खेती करने में उनकी परेशानियां यथावत ही रही। समय पर बर्फबारी और पर्याप्त नमी के चलते सेब की गुणवत्ता बेहतर रही, लेकिन जरूरी दवाओं को और पेटियों सहित उपज को मंडी तक पहुंचाने को जरूरी सुविधाओं को लेकर असमंजस बना रहा। बरसात के दौरान बाधित हुई सड़कों के चलते भी किसानों ने सेब तुड़ान देरी से शुरू किया। इन सब परेशानियों में सरकार की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल पाया। जनपद की इस प्रमुख नगदी फसल की उपेक्षा ही इसकी राह में बाधक बन रहे हैं। इसके चलते काश्तकार निराश हैं। टकनौर क्षेत्र के हर्षिल, धराली, मुखबा, छोलमी आदि गांवों में इन दिनों सेब की अंतिम खेप निकल रही है। जबकि सुक्की व झाला से सितंबर माह के अंत में ही उपज मंडियों की ओर रवाना कर दी गई थी।
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स्नेहिल को मिला काव्य शिरोमणि सम्मान

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श्रीनगर: वरिष्ठ साहित्यकार शंभू भंट्ट 'स्नेहिल' को उनके उत्कृष्ट साहित्य लेखन और प्रकाशन के लिए पठानकोट, पंजाब में काव्य शिरोमणि सम्मान से अलंकृत किया गया है। राष्ट्रीय काव्य संकलन 'कमल-धारा' के विमोचन अवसर पर उन्हें प्रथम प्रकाशन की ओर से यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रकाश संस्था के प्रधान संपादक गगन सोनी ने भंट्ट के लेखन की खुले मन से तारीफ की। इससे पूर्व शंभू भंट्ट राष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान-कलम कलाधर और अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानोपाधि-मानव रत्न समेत दो दर्जन से अधिक पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनको काव्य शिरोमणि पुरस्कार मिलने पर क्षेत्र के साहित्यकारों और कला प्रेमियों ने हर्ष व्यक्त किया है।
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सौ एकड़ कृषि भूमि और लील गई जगबूढ़ा

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खटीमा: नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों के लिए तबाही का पर्याय बनी जगबूढ़ा नदी का कहर जारी है। भारी बारिश के बाद रौद्र रूप में आई जगबूढ़ा ने भू-कटाव तेज कर दिया है। करीब सौ एकड़ भूमि नदी लील गई है। नदी से सीमांत मेलाघाट कस्बा कुछ ही दूरी पर रह गया है।
जगबूढ़ा नदी सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रतिवर्ष कहर बरपाती रही है। हरसाल बारिश के दिनों में नदी के उफान पर आने से कृषि भूमि को खासा नुकसान पहुंचता है। इसके बाद बाढ़ व आपदा से बचाव के नाम पर तमाम जतन किए जाते हैं। जिन पर अब तक करोड़ों खर्च किया जा चुका है। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। दो दिनों की बारिश ने बाढ़ से बचाव के सभी दावों की पोल खोल कर रख दी। नदी ने करीब सौ एकड़ कृषि भूमि को फिर आगोश में ले लिया है। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। बाढ़ पर नियंत्रण के नाम पर बनाई गई वायरक्रेट भी एक झटके में तबाह हो गई। सीमावर्ती मेलाघाट कस्बे से नदी महज कुछ सौ मीटर दूरी पर रह गई है। नदी इसी तेजी से कटाव करती रही तो भविष्य में कस्बे के अस्तित्व पर संकट मंडरा सकता है। दो दिन तक मूसलाधार बारिश के बाद सीमावर्ती कस्बे के शम्बू, रामवृक्ष, दीपक, राजेंद्र, घनपत, इन्द्रासन, राजेश्वर, वामदेव, राजेश्वर तिवारी आदि काश्तकारों की कृषि भूमि खड़ी फसल के साथ नदी में समा गई।
ग्राम प्रधान रामसजीवन का कहना था कि शासन-प्रशासन भू कटाव रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध करे। अन्यथा कस्बे का नामोनिशान मिट जायेगा। इस बीच प्रशासन ने बाढ़ में डूब कर मरी बकरी के स्वामी जैबुननिशा को आर्थिक सहायता प्रदान की।
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प्रकृति के कहर ने सौ परिवारों से छीनी छत

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खटीमा: लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश कई परिवारों के लिए आफत बनकर आई। प्रकृति के कहर ने सौ परिवारों से छत छीन ली। ऐसे में कुदरत के आगे बेबस हुए ये परिवार खुले आसमान के नीचे आ गए हैं। बारिश में उनका घरेलू सामान के साथ ही राशन भी तबाह हो गया।
सीमांत में मंगलवार को बारिश शुरू हुई तो लगातार मेघ बरसते रहे। बुधवार को भी आधी रात तक तेज बारिश का सिलसिला चलता रहा। 48 घंटे से अधिक समय तक हुई मूसलाधार बारिश ने कई परिवारों के लिए आफत ला दी। उनके आशियाने भारी बारिश में तबाह हो गए। दो दिनों की बारिश ने पचौरिया नई बस्ती के जोगाराम, हरीराम, देवराम, मेलाघाट के शम्भू, मलकू प्रसाद, रामदीन आदि के झाले ध्वस्त हो गए। वहीं गोरखा नाले के उफान पर आने से पचौरिया गांव के गोपाल राम, नंदाबल्लभ पाठक, सुरेश चंद, रमेश चंद, रमेश सिंह की कृषि भूमि उसमे समा गई। कुदरत की इस मार से करीब सौ परिवारों के सिर से छत छिन गई है। भारी बारिश से उनका दैनिक उपयोग का घरेलू सामान, कपड़े लत्ते व राशन तक नष्ट हो गया है। इन परिवारों के सामने दो जून की रोटी जुटाने का भी संकट गहरा गया है। अलबत्ता बारिश थमने से उन्होंने मामूली राहत महसूस की है। वही चकरपुर के जंगल किनारे रहने वाले जगदीश पांडे के झाले पर विशालकाय यूके लिपटिस का पेड़ गिर गया। जिसमें कोई जनहानि नहीं हुई है। ग्राम प्रधान प्रवीन सिंह ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दे दी है। उन्होंने पीडि़त परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।
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पर्यटकों के लिए आसान नहीं कौसानी की राह

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कौसानी (बागेश्वर) : नवरात्र प्रारम्भ होते ही कौसानी में पर्यटन सीजन प्रारम्भ हो गया है। यहां प्रतिदिन दर्जनों पर्यटक पहुंच रहे हैं। हालांकि लोनिवि ने इस मोटर मार्ग में बने दुर्घटना को दावत देने वाले गड्ढों की मरम्मत करना अब तक आवश्यक नहीं समझा है। जिस पर होटल व्यवसायियों ने आक्रोश व्यक्त किया है।
नवरात्र प्रारम्भ होते ही कौसानी में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। सैलानियों की संख्या में वृद्धि होने से कौसानी में चहल-पहल बनी हुई है। कौसानी में पर्यटक सीजन को देखते हुए हालांकि जिला पंचायत समेत होटल व्यवसायियों ने आवश्यक तैयारियां पूर्ण की है, परंतु लोनिवि ने इस ओर ध्यान देना तक उचित नहीं समझा। जिस कारण कौसानी-गरुड़ मोटर मार्ग में पिंगलकोट में सड़कों में बढ़े-बढ़े गड्ढे बने हुए हैं तीव्र मोड़ों पर बने गड्ढे व सड़क के दोनों ओर उगी झाडि़यां होने से दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। इन गड्ढों में अब तक कई बाइक सवार चोटिल हो चुके हैं। होटल एसोसिएशन के बीडी जोशी, कांग्रेस जिला महामंत्री विपिन उप्रेती ने कहा कि मोटर मार्ग में बने गड्ढों के कारण होटल व्यवसाय प्रभावित हो रहा है तथा पर्यटक पर्यटन का आनंद लेने के लिए बैजनाथ नहीं जा पा रहे हैं। जिससे बैजनाथ,बागेश्वर समेत कौसानी के पर्यटन व्यवसाय में इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
बाक्स
कौसानी-गरुड़ मोटर मार्ग में गड्ढों होने की उन्हें जानकारी नहीं है। वे अब शीघ्र निरीक्षण कर इसकी मरम्मत कराने के लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता करेंगे व शीघ्र ही मोटर मार्ग की मरम्मत करेंगे। विनोद कुमार सहायक अभियंता लोनिवि बागेश्वर।
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Thursday, October 18, 2012

बंद हुए भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट

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गोपेश्वर। पंचकेदारों में से एक भगवान रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बुधवार को सुबह पांच बजे विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद हो गए। अब छह माह तक भगवान रुद्रनाथ की पूजा-अर्चना उनके गद्दीस्थल गोेपीनाथ मंदिर में की जाएगी। कपाट बंद होने के अवसर पर रुद्रनाथ पहुंचे श्रद्धालुओं ने भोले बाबा के दर्शन कर मनौतियां मांगीं। इस वर्ष 18 मई को प्रात: 5 बजे ब्रह्ममुहुर्त में मंदिर के कपाट खुले थे। 
बुधवार को तड़के ही रुद्रनाथ मंदिर में विशेष पूजाएं संपन्न हुईं। कपाट बंद होने के बाद रुद्रनाथ की उत्सव डोली और बजीर की मूर्ति पनार बुग्याल होते हुए देर सांय गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंची। यहां मौजूद श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ के दर्शन किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही देश के विभिन्न हिस्साें से आए श्रद्धालु भी मौजूद थे।
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वकीलों ने किया 19 को देहरादून बंद का ऐलान

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वरिष्ठ अधिवक्ता ओपी सकलानी की पत्नी पुष्पा सकलानी की हत्या से नाराज और गमगीन अधिवक्ताओं ने 19 अक्तूबर को देहरादून बंद का ऐलान किया है। भाजपा, व्यापार मंडल और सर्राफा एसोसिएशन समेत कई संगठनों ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की है। अन्य संगठनों से भी सहयोग मांगा जा रहा है। हत्या के विरोध में अधिवक्ताओं ने बुधवार को कार्य बहिष्कार किया। सहयोगी कर्मचारी भी कार्य से विरत रहे।

बुधवार की दोपहर बार संघ के सभागार में आयोजित संयुक्त बैठक में वक्ताओं ने राजधानी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर नाराजगी जताई। पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए गए। भाजपा नेता उमेश अग्रवाल ने पुष्पा सकलानी की हत्या को दुखद बताया। व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल गोयल ने कहा कि अब दून की पहचान सर्वाधिक अपराधों वाले शहर के रूप में होने लगी है। मेयर विनोद चमोली ने भी कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई। बार संघ के पूर्व सचिव राजीव कुमार ने आरोप लगाया कि पुलिस की नाकामी के चलते अपराध बढ़ रहे हैं।

बैठक में उक्रांद के केंद्रीय अध्यक्ष पीडी रतूड़ी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष पुनीत मित्तल, सर्राफा एसोसिएशन के महामंत्री सुनील मेशन, बार कौंसिल की पूर्व चेयरमैन रजिया बेग, ऑटो रिक्शा यूनियन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा, व्यापारी नेता विपिन नागलिया, अमरजीत सिंह, एनपी दीवान, कम्यूनिस्ट नेता शंभू प्रसाद ममगई आदि ने विचार रखे। बार संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर और सचिव अनिल गांधी ने बताया कि बंद के बारे में लोगों को सूचना देने और जागरूक करने के लिए बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे कचहरी परिसर से जुलूस निकाला जाएगा ताकि बंद के कारण लोगों को ज्यादा परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि स्कूलों, वाहन संघों और पेट्रोल पंप मालिकों आदि से सहयोग मांगा गया है।
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छह साल में नहीं बनी छह किमी सड़क

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त्यूणी: कछुवा गति से चल रहे नायली-किस्तुड़ मोटर मार्ग का निर्माण कार्य छह साल का लंबा समय गुजरने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया। लोनिवि अधिकारियों की अनदेखी के चलते अधर में लटके इस मार्ग निर्माण कार्य से ग्रामीणों को मुख्यमार्ग तक पहुंचने को पांच किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने भ्रमण पर आए काबिना मंत्री से मामले की शिकायत कर अधूरे पड़े इस मार्ग निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने की मांग की है। उधर, काबिना मंत्री प्रीतम सिंह ने अधिशासी अभियंता लोनिवि चकराता को एक माह के भीतर सड़क कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
सड़क सुविधा से वंचित दुर्गम क्षेत्र किस्तुड़ पंचायत के लोगों को आजादी के छह दशक के बाद भी सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिला। छह साल पूर्व सरकार ने किस्तुड़ पंचायत तक पहुंच मार्ग बनाने को मंजूरी दी। कार्यदायी संस्था लोनिवि अस्थाई खंड चकराता को नायली-किस्तुड़ मोटर मार्ग निर्माण कार्य का जिम्मा सौंपा गया। छह किमी लंबे इस मोटर मार्ग निर्माण कार्य को लोनिवि चकराता ने दिसबंर-2006 में निविदाएं आमंत्रित की। शुरुआत से ही कछुवा गति से चल रहे कार्य से आज तक सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के चलते इस सड़क का निर्माण कार्य छह साल से अधूरा पड़ा है। तीन किमी तक बने इस मार्ग निर्माण कार्य पर लाखों रुपये खर्चने के बाद भी यह सड़क वाहनों के चलने लायक नहीं है। सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से ग्रामीणों को गांव से मुख्यमार्ग तक पहुंचने को पांच किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। कई बार शिकायत करने पर भी अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
गुरुवार को किस्तुड़ पंचायत के कुछ लोगों ने भ्रमण पर आए क्षेत्रीय विधायक एवं काबिना मंत्री प्रीतम सिंह से त्यूणी में मुलाकात कर उन्हें अपनी समस्या बताई। पूर्व प्रधान संतराम चौहान, फतेह सिंह, जगत सिंह, रतन सिंह, जीवन सिंह व भोपाल सिंह ने काबिना मंत्री से मामले की शिकायत कर लंबे समय से अधूरे पड़े नायली-किस्तुड़ मोटर मार्ग निर्माण कार्य को जल्द पूरा कराने की मांग की है। उधर, काबिना मंत्री प्रीतम सिंह ने अधिशासी अभियंता लोनिवि चकराता को एक माह के भीतर सड़क कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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लड़कियों के लिए मिशाल बनी शैफाली

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'कौन कहता है आसमां में सूराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो' दुष्यंत की इन पंक्तियों को साबित कर दिखाया अल्मोड़ा की शैफाली अग्रवाल ने। उत्ताराखंड की सांस्कृतिक राजधानी अल्मोड़ा से निकली शैफाली ने महानगर में अपने बूते पर 'इजी फिक्स' कंपनी शुरू कर महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है। शैफाली से प्रेरित होकर कई युवतियां अब उद्यम जगत में हाथ आजमाने को बेताब नजर आ रही हैं।
नगर के व्यवसायी राम अवतार की बेटी शैफाली पिछले दो वर्षो से दिल्ली जैसे प्रतिस्पर्धा वाले महानगर में लोगों को घर बैठे प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन व कारपेंटर मुहैया करा रही है। उसका कहना है कि दिल्ली के बाद एनसीआर फिर देश की मेट्रो सिटीज में अपने उद्यम को विस्तार देगी। इंटरनेट के जरिए शैफाली ने अपनी सेवाओं को पूरी दिल्ली में विस्तार दिया है। उसने बताया कि कुछ लोग दफ्तर में आकर बात करते हैं, कुछ फोन से तो कुछ ऑनलाइन अपनी जरूरत के अनुसार संपर्क करते हैं। वह अपने काम से संतुष्ट है। उत्साहजनक सफलता उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है। शैफाली की उद्यमशीलता का ही परिणाम है कि वह हाल ही में इंटरप्रेनियर आर्गेनाइजेंशन की ओर से अमेरिका में आयोजित विनिमय कार्यक्रम में हिस्सेदारी कर लौटी हैं। गौरतलब है कि यह मीट अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू की गई है। जिसमें शैफाली को बतौर व्याख्याता आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व के तीस देशों के अग्रणी उद्यमियों , अमेरिकी उद्यमियों, बुद्धिजीवियों, व्यवसाईयों व सरकारी अधिकारियों के साथ उत्कृष्ट कार्यप्रणाली, आपसी तालमेल को आपस में साझा करना था। अमेरिका में भी शैफाली की शानदार प्रस्तुति ने उसकी मेधा का परिचय कराया। कुल मिलाकर शैफाली इस क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचना चाहती है।
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विज्ञान महोत्सव में दुगड्डा का दबदबा

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लैंसडौन : जयहरीखाल प्रखंड में आयोजित जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव- 2012 में दुगड्डा प्रखंड का दबदबा बना रहा। जबकि विज्ञान ड्रामा में खिर्सू के राइंका स्वीत ने प्रथम, व राइंका पौड़ी ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
गुरूवार को राजकीय इंटर कालेज जयहरीखाल में दो दिवसीय जिला स्तरीय विज्ञान महोत्सव का समापन हो गया। इस मौके पर विज्ञान प्रदर्शनी में उद्योग पर लगाए गए मॉडल में जूनियर वर्ग में दुगड्डा प्रखंड के राइंका घमंडपुर के अनुज डुकलान ने प्रथम व द्वारीखाल ब्लाक के राइंका सिलोगी से अंकित कोठारी दूसरे स्थान पर रहे। जबकि सीनियर वर्ग में दुगड्डा ब्लाक के राइका कण्वघाटी के संजय सिंह प्रथम व सिगड्डी के रोहित कुमार दूसरे स्थान पर रहे। प्राकृतिक संसाधन विषय पर जूनियर वर्ग से पाबौ जगत्येश्वर की मीना रावत प्रथम व बीरोंखाल सैंधार के मोहित द्वितीय, सीनियर वर्ग में रिखणीखाल कुनालीखाल की रेनू प्रथम व पाबौ जगत्येश्वर के मनोज दूसरे, परिवहन एवं संचार विषय के जूनियर वर्ग में कल्जीखाल के मोहित थपलियाल प्रथम व कल्जीखाल मुंडनेश्वर की शिवानी दूसरे, सीनियर वर्ग में दुगड्डा के सूरज डबराल प्रथम, घमंडपुर की कंचन दूसरे, सूचना एवं प्रौद्योगिक जूनियर में दुगड्डा के अमन बहुखंडी प्रथम, घमंडपुर की मनीषा दूसरे, सीनियर वर्ग में राइंका पौड़ी के दीपक गोदियाल प्रथम व विकास शाह दूसरे स्थान पर रहे। सामुदायिक स्वास्थ एवं पर्यावरण जूनियर में दुगड्डा घमंडपुर की शिवानी नेगी प्रथम, कोटद्वार की सोनी दूसरे तथा सीनियर में दुगड्डा की दीक्षा वर्मा प्रथम, द्वारीखाल सिलोगी के हिमांशु दूसरे स्थान पर रहे।
गणितीय प्रतिरूपण के जूनियर वर्ग में दुगड्डा सुखरौ के दिव्य मोहन प्रथम, कोटद्वार की मोनिका जखमोला द्वितीय, सीनियर में कोट जामलाखाल के अंकित भट्ट प्रथम व कोटद्वार के साकिर दूसरे स्थान पर रहे। विज्ञान ड्रामा में राइंका स्वीत प्रथम व राइंका पौड़ी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया। जबकि विज्ञान मेला टीम प्रोजेक्ट में राइंका कण्वघाटी के नवीन व जितेंद्र ने प्रथम, पौड़ी की पूर्णिमा व स्नेहा ने दूसरा स्थान पाया। व्यक्तिगत प्रोजेक्ट में राइंका सारी के अनुराग ने प्रथम, व जयहरीखाल सैंधीखाल के अमित चौहान ने दूसरा, अध्यापक प्रोजेक्ट में द्वारीखाल के राइंका सिलोगी के शिक्षक महेंद्र सिंह राणा ने प्रथम व दुगड्डा घमंडपुर की श्रीमती इंदिरा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।
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अहिल्या तारण दृश्य ने किया भावविभोर

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 पौड़ी: पर्यटन नगरी की ऐतिहासिक रामलीला के दूसरे दिन दर्शकों को एक साथ कई रंग देखने को मिले। रामलीला की शुरुआत झांकी वंदना से शुरु हुई।
रामलीला के दूसरे दिन राक्षसों की ओर से मुनि विश्वामित्र के तपोवन में यज्ञ विध्वंस के मंचन ने जहां दर्शकों में क्रोध भरा तो पुत्र मोह में मुनि के द्वारा राम लक्ष्मण मांगे जाने पर चक्रवर्ती राजा दशरथ का इंकार दर्शकों को अंदर तक करुणा के सागर में भिगो गया। मुनि के यह कहने पर कि राम और लक्ष्मण साक्षात भगवान के अवतार हैं, दशरथ मान गए और पुत्र मोह के बावजूद उन्होंने राजकुमारों को ले जाने की आज्ञा दे दी। इसके बाद ताड़का सुबाहू के साथ राम लक्ष्मण का युद्ध दर्शकों में रोमांच भर गया। जनक के निमंत्रण पर विश्वामित्र का राम लक्ष्मण सहित जनकपुरी जाना व रास्ते में अहिल्या तारण का मंचन देखने को दर्शक देर रात तक ठंड के बावजूद डटे रहे। सीता का सखियों संग गौरी पूजन के लिए जाना और राम लक्ष्मण का उन्हें देखना लोगों को भक्ति और प्रेम में एक साथ रंग गया। विश्वामित्र के किरदार में सुरेंद्र पोखरियाल, राम के किरदार में बिजेंद्र राणा, लक्ष्मण के किरदार में सुदर्शन बिष्ट, सीता में प्रियंका रावत, दशरथ में जगत किशोर बड़थ्वाल, ताड़का में कमल किशोर रावत, सुबाहू में राहुल कुमार, जनक में गौरीशंकर थपलियाल और अहिल्या के किरदार में कंचन नेगी ने अभिनय की छाप छोड़ी। संगीत दिनेश रावत, विनोद रावत, आशुतोष नैथानी, मोहित व हर्षपति रयाल ने दिया।
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Wednesday, October 17, 2012

मलबा न हटाने पर अधिकारियों को फटकार

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गोपेश्वर: तीन माह से भूस्खलन के चलते बंद पड़ी पठियालधार वैतरणी व लीसा डिपो घिंघराण मार्ग बाईपास का बदरीनाथ के विधायक राजेंद्र भंडारी ने स्थलीय निरीक्षण कर लोनिवि की उदासीनता पर कड़ी फटकार लगायी तथा तत्काल इन सड़कों को खोलने के निर्देश दिये।
बसंत विहार पपड़ियाणा में लगातार हो रहे भूस्खलन का निरीक्षण करने गए विधायक ने आपदा प्रबंधन में हीला हवाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभावितों के विस्थापन के निर्देश प्रशासन को दिये हैं। विधायक ने आश्चर्य जताया कि नगर के दोनों बाईपास भूस्खलन से तीन माह से बंद पड़े हैं और लोनिवि इन्हें खोलने में नाकाम रहा है। उन्होंने मौके पर मौजूद लोनिवि के सहायक अभियंता व अवर अभियंता को लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सड़क पर मलवा हटाने के कार्य में ट्रकों से मलवा सुरक्षित स्थानों पर फेंका जाए ताकि यह मलवा सड़क से नीचे हल्की सी बारिश में तबाही का कारण न बने। विधायक को बसंत विहार,पपड़ियाणा के आपदा प्रभावित ग्रामीणों को विस्थापन का भरोसा दिलाया तथा कहा कि वे इस समस्या को मुख्यमंत्री के समक्ष रखकर जनता को राहत दिलायेंगे। विधायक श्री भंडारी के भ्रमण के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी भी उपस्थित थी।
jagran.com se sabhar
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