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गुरुवार अपराह्न करीब ढ़ाई बजे उमा भारती ने धारी देवी मंदिर परिसर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया और उसे अपलिफ्ट किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले यह देखा जाना आवश्यक है कि क्या अपलिफ्ट करना ही अंतिम विकल्प है। उन्होंने कहा कि उनके पास कंपनी को काम रोकने का लिखित आदेश है। ऐसे में कंपनी केंद्र और राज्य सरकार के निर्देशों को नजरअंदाज कर काम शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. निशंक ने उन्हें काम शुरु न कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद भी मंदिर परिसर को अपलिफ्ट करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वे इस संबंध में डॉ. निशंक से वार्ता करेंगी। साथ ही जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री से भी बातचीत की जाएगी।
2014 में होने वाले लोक सभा चुनावों में उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन के सवाल को हंसते हुए टाल दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह गैर राजनीतिक दौरा है। इसमें वे केवल मां धारी देवी के दर्शनों के लिए पहुंची हैं। देर शाम उनका काफिला कोटेश्वर स्थित जीवीके कंपनी के कार्यालय में पहुंचा। सूत्रों के अनुसार कंपनी अधिकारियों से वार्ता में उमा भारती ने कहा कि धारी मंदिर में किसी भी स्थिति में कार्य शुरू न करें। मैं अब भी अयोध्या वाली उमा भारती हूं। उनके साथ इस दौरान बुद्धिबल्लभ चमोली, भूपाल चौधरी, नवीन जोशी, विपिन मैठाणी आदि भी शामिल रहे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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