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उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए श्रीमद्भागवत पुराण में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रहा है। नए सत्र से शुरू होने वाला यह डिप्लोमा कोर्स दो वर्षीय होगा। युवाओं का ज्ञान बढ़ाने के साथ ही यह डिप्लोमा उनके जीविकोपार्जन का साधन भी बनेगा। पाठ्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण के 24 अवतारों के बारे में विस्तृत जानकारी रहेगी, जो भागवत कथा में प्रवचन के दौरान काफी मददगार साबित होगी।
उत्तराखंड मुक्त विवि ने युवाओं के लिए चलाए जा रहे रोजगार परक पाठ्यक्रमों की श्रृंखला में एक और पाठ्यक्रम जोड़ने का फैसला किया है। जनमानस तक श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान पहुंचाने के मकसद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन श्रीमद्भागवत महापुराण पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए शैक्षिक योग्यता संस्कृत विषय से इंटर उर्त्तीण रखी गई है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण के 24 अवतारों जैसे कपिलावतार, गजेंद्र मोक्ष, बामनावतार का वर्णन और उनके द्वारा की गईं लीलाओं के माध्यम से समझाया जाएगा कि भगवान श्री कृष्ण के उपदेश आज भी बेहद प्रासंगिक हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा को जुलाई से प्रारंभ करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें चार सेमेस्टर होंगे तथा इसकी सप्ताह में तीन दिन कक्षाएं मुक्त विश्वविद्यालय में ही चलेंगी। इस संबंध में 17 मार्च को बोर्ड ऑफ स्ट्डीज की बैठक होगी जिसमें डिप्लोमा के पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मुक्त विवि के अकादमिक परामर्शदाता आचार्य मनोज चंद्र पांडे के अनुसार इस तरह का डिप्लोमा अभी तक किसी विश्वविद्यालय में शुरू नहीं हुआ है। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय और काशी विद्यापीठ से इस विषय में डिग्री दी जाती है। वृंदावन में श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान देने की व्यवस्था तो है मगर कोई सर्टिफिकेट नहीं मिलता।
उत्तराखंड मुक्त विवि ने युवाओं के लिए चलाए जा रहे रोजगार परक पाठ्यक्रमों की श्रृंखला में एक और पाठ्यक्रम जोड़ने का फैसला किया है। जनमानस तक श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान पहुंचाने के मकसद से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन श्रीमद्भागवत महापुराण पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए शैक्षिक योग्यता संस्कृत विषय से इंटर उर्त्तीण रखी गई है। दो वर्षीय पाठ्यक्रम में भगवान श्रीकृष्ण के 24 अवतारों जैसे कपिलावतार, गजेंद्र मोक्ष, बामनावतार का वर्णन और उनके द्वारा की गईं लीलाओं के माध्यम से समझाया जाएगा कि भगवान श्री कृष्ण के उपदेश आज भी बेहद प्रासंगिक हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा को जुलाई से प्रारंभ करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें चार सेमेस्टर होंगे तथा इसकी सप्ताह में तीन दिन कक्षाएं मुक्त विश्वविद्यालय में ही चलेंगी। इस संबंध में 17 मार्च को बोर्ड ऑफ स्ट्डीज की बैठक होगी जिसमें डिप्लोमा के पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।
मुक्त विवि के अकादमिक परामर्शदाता आचार्य मनोज चंद्र पांडे के अनुसार इस तरह का डिप्लोमा अभी तक किसी विश्वविद्यालय में शुरू नहीं हुआ है। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय और काशी विद्यापीठ से इस विषय में डिग्री दी जाती है। वृंदावन में श्रीमद्भागवत पुराण का ज्ञान देने की व्यवस्था तो है मगर कोई सर्टिफिकेट नहीं मिलता।
amarujala.com se sabhar
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