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Thursday, March 10, 2011

जोंक करेगी सौंदर्य की हिफाजत!

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शरीर से लिपटते ही खून चूसने में माहिर जोंक (लीच) अब आपके सौंदर्य में चार-चांद लगाएगी। जोंक थिरेपी से गंजे सिर वाले भी बालों में कंघा फेरने की हसरत पूरी कर सकेंगे। इतना ही नहीं चांद जैसे चेहरे पर कील-मुहांसों के ग्रहण से भी छुटकारा मिल जाएगा। चौंक गये न! पर यह कारनामा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्विज्ञान संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.ओपी सिंह ने अपने अनुसंधान में कर दिखाया है। उनकी खोज आज दुनिया के कई देशों में सराही जा रही है।
इस अनोखे शोध पर प्रोफेसर डॉ. सिंह बेहद उत्साहित नजर आते हैं। जोंक से सौंदर्य की हिफाजत का अचूक फार्मूला ईजाद कर उसे विधिवत आजमा लेने का दावा करते हुए वह कहते हैं कि जिन पर भी इस थिरेपी का प्रयोग किया गया, वह शत-प्रतिशत सफल रहा। वियतनाम, थाईलैंड, श्रीलंका, दुबई सहित दुनिया के कई देशों में जोक चिकित्सा पर व्याख्यान देने के बाद उनका अगला पड़ाव हल्द्वानी था। यहां आये डॉ. ओपी सिंह ने कहा कि आयुर्वेद के नियमों का पालन न होने से दुनिया भर में बीमारियां बढ़ी हैं। गंजापन और युवाओं में कील मुहांसे की समस्या चिकित्सा विज्ञानियों के समक्ष एक गंभीर चुनौती की तरह उभर कर सामने आयी है। डॉ. सिंह ने बताया कि गंजापन यदि वंशानुगत कारणों से नहीं है तो बाल वापस आने में देर नहीं लगेगी। आयुर्वेद ग्रन्थों में तालाबों में पायी जाने वाली जोंक से सदियों पहले से चिकित्सक इलाज करते थे। बीच के कालखंड में आयुर्वेद पर अनुसंधान जैसे ठहर सा गया था। उन्होंने बताया कि जोंक के सेलाइवा (लार) में बीस से ज्यादा जैव रासायनिक तत्व पाये जाते हैं। इसका काम खून को पतला करना, दर्द का निवारण, सूजन कम करना, रक्त संचार बढ़ाना तथा घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करना है। उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय विधियों से जोंक थिरेपी का प्रयोग कर सिर के गंजेपन को दूर किया जा सकता है। बालों की जड़ों को पोषक तत्व न मिलने से रक्त संचार कम हो जाता है और बाल झड़ जाते हैं। पांच से छह बार लीच थिरेपी लेते ही बाल तेजी से निकलने लगते हैं। इसी तरह कील मुहांसों को भी गायब करने में यह थिरेपी कारगर सिद्ध हुई है। प्रायोगिक तौर पर इसका अनुभव पूर्णत: राजकीय संरक्षण में सर्वशिक्षा की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के काय चिकित्सा संकाय प्रांगण में किया जा सकता है। डॉ.सिंह ने बताया कि दुनिया भर से इस थिरेपी के प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक प्रशिक्षण के लिए उन्हें बुलाया जा रहा है।
 in.jagran.yahoo.com se sabhar

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