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कॉर्बेट नेशनल पार्क की 'प्लेटिनम जुबली' का आगाज कालागढ़ में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला एवं परिचर्चा के साथ हुआ। तीन दिनी कार्यशाला के पहले दिन प्रमुख वन संरक्षक श्रीकांत चंदोला ने वन्य जीव विशेषज्ञों को वन्य प्राणियों की सुरक्षा, वास स्थल में सुधार, पर्यटन तथा मानव एवं वन्य जीव संघर्ष आदि तमाम मामलों में प्रभावी भूमिका निभाने का आह्वान किया। बाद में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि के साथ ही विशेषज्ञों व अफसरों ने बाघों के वास स्थलों का जायजा ले रिपोर्ट भी तैयार की।
कालागढ़ में बुधवार को हुई कार्यशाला में वन्य जीव विशेषज्ञों तथा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघ व अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा पर गहन मंथन किया। एसडीओ कालागढ़ ने जीपीएस प्रणाली के जरिए सुरक्षा गश्त का ब्योरा पेश किया। इसके बाद पाखरो मोरघट्टी एवं अन्य क्षेत्रों का भ्रमण कर विशेषज्ञों ने वन्य जीवों के वास स्थलों की जानकारी भी ली।
निदेशक सीटीआर रंजन कुमार मिश्रा ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के संरक्षण में आने वाली समस्याएं गिनाई। अमेरिका से पहुंचे वन्य जीव विशेषज्ञ एलन रॉबर्ट रैबिनोविट्ज, वैन्स ग्रेगरी मार्टिन, जॉर्ज बी. सैलर तथा ऑस्ट्रेलिया के ल्यूक थॉमस हंटर के साथ ही वन्य जीव बोर्ड के सदस्य विजेंद्र सिंह, बिट्टू सहगल, परमजीत सिंह, पूर्व मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक केएस नेगी, राजाजी नेशनल पार्क के पूर्व निदेशक एसएस रसाईली, उपनिदेशक सीके कविदयाल, कालागढ़ के निदेशक गंगेश्वर पांडे आदि तमाम अधिकारी मौजूद थे।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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