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टिहरी बांध झील भराव के साथ प्रारंभ हुई लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। घटते जलस्तर के साथ किनारों पर बने दलदल में लोग भारी परेशानी के साथ बोट तक पहुंचकर किसी तरह झील के आरपार आ-जा रहे हैं।
टिहरी बांध झील भराव से भागीरथी पर बने पुल जलमग्न हो गए थे। पुर्नवास विभाग व बांध प्रशासन द्वारा प्रत्येक पैदल पुल के स्थान पर झील के ऊपर पैदल पुल का निर्माण नहीं करने से भागीरथी के आर-पार का संपर्क कट गया। जन दबाव में पुर्नवास विभाग ने पैदल पुल के स्थान पर एक-एक बोट की व्यवस्था कर आर-पार आवागमन की व्यवस्था की है। किंतु यह व्यवस्था झील के घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण कारगर साबित नहीं हो रही है। झील का जलस्तर घटने के साथ किनारों पर कई मीटर तक दलदल एवं छिछला पानी जमा रहता है। ऐसे में न तो बोट ही पूरी तरह किनारे आ पाती है और न ही कोई सुगम व सुरक्षित रास्ता उपलब्ध हो पाता है। ऐसा ही छाम बोट में भी हो रहा है। वल्डोगी, खालसी के शीशपाल, ज्ञान सिंह, पूर्व प्रधान गजे सिंह, धरवाल गांव के स्वरूप सिंह आदि लोगों का कहना है कि छाम क्षेत्र की कुमराड़ा, वल्डोगी, खालसी मणी आदि भागीरथी पार क्षेत्र में बहुत रिश्तेदारियां हैं और छाम कंडीसौड़ पार के क्षेत्र का मुख्य बाजार है। किंतु लोगों के पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक रिश्ते बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। छाम व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष लाखीराम उनियाल का कहना है कि पुलों के बदले पुलों का निर्माण नहीं होने से रिश्ते दर्द देने लगे हैं। अपनों से मिलना मुश्किल हो गया है। कंडीसौड़ छाम व्यापार मंडल अध्यक्ष सुमन सिंह गुसांई का कहना है कि लगातार पुल की मांग की जा रही है। बोट विकल्प नहीं हो सकती है। शीघ्र ही पुल का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि लोगों को पूरी सुविधा मिल सके।
in.jagran.yahoo.com se sabhar
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